देहरादून। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में कार्यरत कर्मचारियायों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने साफ किया है कि किसी भी कर्मी को हटाया नहीं जाएगा और वे पूर्व व्यवस्था के तहत कार्य करते रहेंगे। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस संबंध में शासन को निर्देश दिए हैं। उनियाल ने हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मामले में कहा कि यदि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो सरकार उस पर विचार करेगी।
नियमितीकरण और ग्रेड पे की मांग को लेकर मनरेगा में मस्टररोल पर कार्यरत कर्मचारी बीती 15 मार्च से आंदोलित हैं, जिससे मनरेगा के कार्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसे देखते हुए शासन स्तर से उन्हें मनाने के प्रयास किए गए, मगर सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद पिछले माह आंदोलित कर्मियों को नोटिस जारी किए गए थे। 29 मई तक काम पर न लौटने की दशा में उन्हें हटाने की चेतावनी दी गई थी। करीब 55 कर्मी तो काम पर लौट आए, मगर शेष आंदोलन में डटे हुए हैं।
इस बीच दो जिलों में मनरेगा कर्मियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए। इससे मनरेगा कर्मियों में आक्रोश और बढ़ गया। अब सरकार ने इसे थामने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल के अनुसार मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मनरेगा कर्मी को हटाया नहीं जाएगा। उन्होंने मनरेगा कर्मियों से काम पर वापस लौटने की अपील करते हुए कहा कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की ओर से हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना के लिए की जा रही कवायद के संबंध में पूछे जाने पर सरकार के प्रवक्ता उनियाल ने कहा कि यह कैबिनेट मंत्री महाराज का अपना इनोवेशन है। यदि कैबिनेट में ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर निश्चित तौर पर विचार कर आगे कदम बढ़ाए जाएंगे।
Excellent write-up
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