चम्पावत में भारी बारिश, सड़कों पर टूटा कहर, एनएच के साथ 12 आंतरिक सड़कों पर आया मलबा, आवागमन बंद

उत्तराखंड चंपावत

चंपावत। गुरुवार की सुबह चार बजे से आठ बजे तक लगातार हुई बारिश से जिले का सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया। बारिश का कहर सड़कों पर टूटा। चम्पावत-टनकपुर और लोहाघाट-पिथौरागढ़ हाईवे पर आठ स्थानों पर मलबा आने से वाहनों का संचालन ठप हो गया है। इसके अलावा 12 आंतरिक सड़कें भी मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गई हैं। बाड़ीगाड़ नदी के उफान पर आने से तीन पुलिया और एक सिंचाई गूल ध्वस्त हो गई।

जिले में प्री मानसून ने दस्तक दे दी है। गुरुवार की सुबह लगातार चार घंटे मूसलधार बारिश हुई। जिससे चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर धौन, स्वाला, विश्राम घाट, सूखीढांग, बेलखेत समेत लोहाघाट-पिथौरागढ़ हाइवे पर भारतोली के पास पहाड़ी दरकरने से बड़ी मात्रा में बोल्डरों के साथ मलबा सड़क पर आ गया। सड़क बंद होने की सूचना के बाद ऑलवेदर रोड का निर्माण कर रही कार्यदाई संस्थाओं के साथ एनएच की मशीनरी मौके पर पहुंच गई है। कई स्थानों पर पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के कारण सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मनोज पांडेय ने बताया कि दोपहर दो बजे तक पूरे एनएच में आया मलबा हटा दिया जाएगा। इधर आंतरिक सड़कों के बंद होने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाराकोट विकास खंड के क्वांरकोली-पाड़ासों सेरा, क्वांरकोली-पम्दा, गल्लागांव-देवलीमाफी रोड बंद होने से यात्रियों को लोहाघाट बाजार आने के लिए चार से पांच किमी दूर गल्लागांव तक पैदल आना पड़ा। टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग भी बाटनागाड़ के पास मलबा आने से बंद है।

इधर नालियां चोक होने से चम्पावत और लोहाघाट नगरों में बारिश का पानी सड़कों पर आने से जल भराव की स्थिति पैदा हो गई। स्क्रबर बंद होने से सड़क का सारा पानी लोहाघाट विकास खंड के गलचौड़ा से राजकीय पॉलीटेक्निक छमनियां तक पहुंच गया। अत्यधिक बारिश से कई जगह भू-कटाव होने की भी सूचना है।

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