रुड़की। 2041 की दिल्ली का जो खाका खींचा जा रहा है, उसके 13 में से चार जोन का नक्शा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की का सिविल इंजीनियरिंग विभाग तैयार कर रहा है। विभाग के प्रो.कमल जैन इसके मास्टर कंसलटेंट हैं। मार्च 2020 में इसे लेकर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और प्रो.कमल जैन के बीच एमओयू साइन हुआ था।
प्रो.जैन ने बताया कि डीडीए के साथ हुए एमओयू के अनुसार उन्हें 2041 की दिल्ली के चार जोन (एन, जे, पी-वन व पी-टू) का नक्शा तैयार करना है। एन जोन में द्वारका, जे जोन में महिपालपुर और पी-वन व पी-टू जोन में बवाना का क्षेत्र शामिल है। यह पूरा क्षेत्र 300 वर्ग किमी है। बताया कि दिल्ली के लिए 140 बिंदुओं को ध्यान में रखकर भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) आधारित मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। प्रो.जैन ने बताया कि दिल्ली के इस नक्शे में स्मार्ट सिटी की सभी सुविधाएं मौजूद होंगी।
वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगी जानकारी
नक्शा तैयार होने के बाद दिल्ली के सभी भवनों का फील्ड सर्वे होगा और फिर मास्टर प्लान में सुविधाओं का खाका खींचा जाएगा। प्रो. कमल जैन ने बताया कि इसमें पेयजल आपूर्ति, ड्रेनेज यानी स्मार्ट सिटी के स्तर की सभी सुविधाओं की पूरी योजना होगी। मास्टर प्लान के तहत बनाए जा रहे इस नक्शे में दिल्ली के हर भवन और इमारत की तस्वीर के विवरण समेत अन्य जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध होगी। ऐसे में प्रत्येक भवन के स्वामी का नाम, भवन की माप समेत अन्य जानकारियां वेब पोर्टल पर कोई भी देख सकेगा।
दिसंबर 2022 तक पूरा होगा चार जोन का काम
प्रो.जैन ने बताया कि उनके पास यह करीब सात करोड़ का प्रोजेक्ट है। इसकी समय सीमा दिसंबर 2021 है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण प्रोजेक्ट की गति थोड़ी धीमी हो गई। अब चार जोन का काम दिसंबर 2022 तक पूरा हो सकेगा।
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