हिंसा का दंश झेल रही महिलाओं का सहारा बनी सखी, अब तक आए 782 मामले; 740 को मिला न्याय

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। हिंसा और उत्पीड़न का दंश झेल रही महिलाओं को वन स्टाप सेंटर (सखी) संबल दे रहा है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से गठित वन स्टाप सेंटर उत्तराखंड में भी महिलाओं को इंसाफ दिलाने का कार्य कर रहा है। दिसंबर 2017 से अब तक देहरादून जिले के सखी सेंटर में कुल 782 मामले आए हैं, जिनमें से 740 को न्याय दिलाया गया है। जबकि 42 मामलों पर काउंसिलिंग जारी है। इनमें से सबसे ज्यादा 640 मामले घरेलू हिंसा, जबकि साइबर क्राइम के 20 मामले हैं। कुल मामलों में से सखी सेंटर ने 46 महिलाओं को अस्थायी शेल्टर, जबकि 29 को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई।

हिंसा प्रभावित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2015 को वन स्टाप सेंटर (सखी) योजना लागू की थी। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग के अंतर्गत देहरादून वन स्टाप सेंटर वर्ष 2017 में शुरू हुआ, जिसके तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा और काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

देहरादून सखी सेंटर महिलाओं की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें न्याय दिला रहा है। यहां हेल्पलाइन नंबर 181 पर आई पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को वन स्टाप सेंटर में भेज दिया जाता है। इन महिलाओं को अस्थायी शेल्टर में पांच दिन तक रहने, खाने, कपड़े, स्वास्थ्य सुविधाएं और कानूनी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। पांच दिनों के बाद महिला का केस देखते हुए उन्हें नारी निकेतन, महिला छात्रवास या घर भेज दिया जाता है, जबकि कोर्ट में चल रहा केस बरकरार रहता है। जिसके लिए महिलाओं को सरकारी वकील मुहैया करवाया जाता है।

घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक

देहरादून वन स्टाप सेंटर में अब तक कुल 782 मामलों में 640 घरेलू हिंसा के मामले आए हैं। जिसमें से 620 मामलों को सुलझा लिया है, जबकि 20 लंबित हैं। गुमशुदगी के सभी पांच मामलों का निस्तारण किया गया। यौन शोषण के 14 में से 12 मामले सुलझा लिए हैं, जबकि दो लंबित हैं। साइबर क्राइम में 13 में से आठ का निस्तारण हो चुका है। बाल विवाह में पांच में से दो मामले सुलझा लिए हैं। इसके अलावा अन्य 105 मामलों में से 22 लंबित हैं।

छह महीने तक अलग रहे पति-पत्नी को सेंटर से मिली मदद

दून निवासी एक पीड़ित महिला ने बताया कि उसके पति शराब पीकर पिटाई करते थे। घर में एक 15 वर्ष का बेटा भी है। इससे उसपर भी बुरा असर पड़ने लगा। इसलिए छह महीने किराये का कमरा लेकर अलग रहने लगी, लेकिन इसके बाद भी पति की आदत नहीं सुधरी और ना ही खर्चा दिया। वन स्टाप सेंटर पर शिकायत दर्ज करने के बाद पति के साथ तीन काउंसलिंग हुई। अब सबकुछ सामान्य है।

46 महिलाओं को मिला शेल्टर

वन स्टाप सेंटर की केंद्र प्रशिक्षक माया नेगी ने बताया कि वन स्टाप सेंटर में 46 महिलाओं को शेल्टर उपलब्ध करवाए गए हैं, जबकि 29 महिलाओं को चिकित्सा सुविधा और 765 महिलाओं की काउंसिलिंग, 128 को पुलिस मदद व 71 को विधिक सहायता उपलब्ध करवाई गई है।

 

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