डेल्टा प्लस वैरियेंट की जांच के लिए नैनीताल जिले से समय-समय पर एनसीडीसी भेजे जाएंगे सैंपल

उत्तराखंड नैनीताल

हल्द्वानी। नैनीताल जिले में इस समय कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम होना राहत महसूस करा रहा है, लेकिन तीसरी लहर आशंकित कर रही है। डेल्टा प्लस वैरिएंट की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। राजकीय मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी विभाग की ओर से जिले से भी समय-समय पर 15 सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) पुणे को भेजे जाएंगे।

भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आइसीएमआर) के निर्देश के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज ने जिनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल एकत्रित करना शुरू कर दिया है। वायरोलॉजी लैब की चीफ एनालिस्ट प्रो. विनीता रावत का कहना है कि हमें 15-15 सैंपल एनसीडीसी भेजे जाने हैं। बेस अस्पताल व अन्य अस्पतालों से जल्द ही पॉजिटिव लोगों के सैंपल भेज दिए जाएंगे। सैंपल भेजने के साथ ही संबंधित संक्रमित व्यक्ति का पूरा विवरण भी भेजा जाएगा। जैसे कि मरीज को कोविड पॉजिटिव होने के बाद लक्षण हैं या नहीं। या फिर किसी तरह के अन्य लक्षण हैं।

जिनोम सिक्वेंसिंग से पता चलेगा डेल्टा प्लस वैरिएंट

कोविड मरीजों के सैंपल की जांच ही जिनोम सिक्वेंसिंग है। एनसीडीसी लैब में होने वाली इस जांच से जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले हैं या नहीं, इसका पता चला सकेगा। प्रो. रावत ने बताया कि इस जांच में समय लगता है। सीएमओ डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि फिलहाल संक्रमण के मामले कम हैं, लेकिन लोगों को सतर्क रहना है। भीड़ से बचना है। जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब से भेजे जाने की तैयारी चल रही है।

 

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