दिल्ली। देश कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से पूरी तरह उबर ही रहा है। इस बीच डेल्टा प्लस वैरिएंट ने भी दस्तक देकर चिंता की लकीर को बढ़ा दी है। इसके लिए सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क होकर पर्याप्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा प्लस वैरिएंट अन्य की तुलना में 60 फीसदी अधिक संक्रामक है। इस वैरिएंट को बी.1.617.2 स्ट्रेन भी कहा जाता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले भारत समेत विश्व के कई देशों में पाए गए हैं। वहीं, देश के कई राज्यों में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। इस मद्देनजर सरकार ने एक नवीनतम ट्वीट कर डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल काउंसिल फार रिसर्च (आइसीएमआर) के महानिदेशक और प्रोफेसर डॉ बलराम भार्गव ने दी है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
– वर्तमान समय में डेल्टा प्लस वैरिएंट 12 देशों में पाया जा चुका है।
-देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले दर्ज किए गए हैं।
-इसके लिए 45 हजार से अधिक सैंपल्स की जांच की गई। यह जांच अप्रैल से लेकर जून के मध्य संक्रमितों के सैंपल्स से की गई है।
– देश में यह यह वायरस स्थानीय है। इससे पहले कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का पहला मामला भारत में ही दर्ज किया गया था। इस वैरिंएट की वजह से देश में कोराना वायरस महामारी की दूसरी लहर आई थी।
– आईसीएमआर-एनआईवी ने डेल्टा प्लस वैरिएंट को अन्य वैरिएंट से पृथक कर नाम दिया है।
आपको बता दें कि देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले सामने आ चुके हैं। खबरों की मानें तो महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद क्रमशः तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा और कर्नाटक हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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