हल्द्वानी : चुनावी सालों में मांगों को लेकर अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। दो दिन पहले उत्तराखंड देवभूमि स्वच्छकार संघ ने शहरी आवास मंत्री बंशीधर भगत के आवास का घेराव किया था। हालांकि, पुलिस ने बैरिकेड लगा उन्हें सौ मीटर पहले रोक लिया था। वहीं, शुक्रवार सुबह पूर्व घोषणा के तहत सफाइ कर्मचारियों की दूसरी यूनियन उत्तरांचल स्वच्छकार कर्मचारी संघ से जुड़े लोग मंत्री के आवास को घेरने के लिए निकल पड़े। जिसके बाद पहले से अलर्ट पुलिस से उनका जमकर विवाद हुआ। नारेबाजी के बीच आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा कि सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। प्रशासनिक अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे।
कैबिनेट मंत्री भगत के आवास के बाहर बेरिकेड लगाकर एसडीएम मनीष कुमार सिंह व एसपी जगदीश चंद्र आक्रोशित लोगों को समझाने में जुटे थे। इससे पूर्व नजदीकी मैदान में सभा कर मांगों को लेकर चर्चा भी की गई। अफसरों के समझाने पर फिर सभी शांतिपूर्ण तरीके से मंत्री के आवास पहुँचे। जिसके बाद वार्ता हुई। मांगो को लेकर ठोस अश्वशन मिलने पर सभी ज्ञापन देकर लौट गए। वापसी में भगत के समर्थन में नारेबाजी भी की।
इन मांगों को लेकर आक्रोश
- निकायों, सरकारी अस्पताल व शिक्षण संस्थानों में ठेका प्रथा बंद होनी चाहिए।
- सालों से काम कर रहे सविंदा, उपनल, दैनिक श्रमिकों को वरिष्ठता के हिसाब से स्थायी किया जाए।
- दस हजार लोगों पर 28 स्थायी कर्मी का आंकड़ा होना चाहिए। चालकों के पद भी परमानेंट होने चाहिए।
- मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन कर परिवार में सरकारी सेवक होने पर भी किसी एक को नियुक्ति मिले।
- वर्तमान पेंशन योजना व एनपीएस की जगह पर 2005 की व्यवस्था लागू करने की मांग।
- सफाई कर्मचारियों का जीवन व सुरक्षा बीमा होना चाहिए।
- राज्य कर्मचारियों की भांति धुलाई व टूल भत्ता मिलना चाहिए।
- सफाइ कर्मचारियों को आवासों पर मालिकाना हक की मांग।