रोडवेज में कम नहीं हो रहे भ्रष्टाचार के मामले, ऋषिकेश से अमृतसर जा रही बस बेटिकट पकड़ी

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अभी अंतरराज्यीय बस संचालन शुरू हुए तीन हफ्ते भी नहीं हुए कि रोडवेज बसों में भ्रष्टाचार के मामले कम नहीं हो रहे। पिछले एक माह में बेटिकट मामलों में जिस तरह इजाफा हुआ है, उससे यह साफ हुआ है कि रोडवेज यूं ही करोड़ों के घाटे में नहीं जा रहा। ताजा मामले में रविवार को चेकिंग टीम ने ऋषिकेश डिपो की अमृतसर जा रही बस को पकड़ा तो उसमें पांच यात्री बेटिकट मिले। परिचालक ने टिकट मशीन खराब होने का झांसा देकर यात्रियों को टिकट नहीं दिए, जबकि उनसे किराया पूरा लिया हुआ था। चेकिंग टीम ने अपनी रिपोर्ट निगम मुख्यालय और मंडल प्रबंधक को भेज दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट पर आरोपित चालक-परिचालक को आफ रूट कर दिया गया है।

पिछले एक माह में यह दसवां मामला है, जब बस बेटिकट पकड़ी गई। जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह ऋषिकेश डिपो की साधारण बस (यूके07पीए-3084) रोजाना की तरह अमृतसर (पंजाब) के लिए निकली। सूचना थी कि इस मार्ग पर बस लगातार बेटिकट दौड़ रही है। निगम मुख्यालय के आदेश पर मार्ग पर भेजी गई चेकिंग टीम ने लुधियाना के लाडो प्लाजा पर बस को चेक किया तो उसमें पांच यात्री बेटिकट मिले।

यात्रियों ने बताया कि परिचालक ने मशीन में खराबी आने की बात कहकर टिकट नहीं दिया और किराया पूरा लिया हुआ था। बिना टिकट यात्रियों में चार यात्री लुधियाना से अमृतसर जबकि एक यात्री लुधियाना से जालंधर का था। चेकिंग टीम के अनुसार बस पर चालक महिपाल सिंह व विशेष श्रेणी परिचालक दीपक वर्मा तैनात थे। मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि चेकिंग टीम की विस्तृत रिपोर्ट मिलने पर ही आरोपित चालक और परिचालक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बैठक-दर-बैठक, मगर सुधार नहीं

रोडवेज में बेटिकट मामलों को रोकने और आर्थिक सुधार के लिए पिछले एक माह से अलग-अलग स्तर पर बैठक हो रहीं, मगर नतीजा सिफर ही है। रोडवेज के नए प्रबंध निदेशक अभिषेक रूहेला से लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य तक बैठक कर चुके हैं। शनिवार को सचिवालय में परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा ने रोडवेज की समीक्षा बैठक की थी। इसके बाद भी रोडवेज में भ्रष्टाचार नहीं थम रहा। ये हाल तब है जब परिवहन मंत्री स्पष्ट आदेश कर चुके हैं कि भ्रष्टाचार पर कर्मचारी की सेवा समाप्त की जाए।

 

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