हरिद्वार। हरिद्वार में 24 जुलाई से हरकी पैड़ी को कावड़ियों के लिए बैरिकेडिंग कर सील किया जाएगा। स्थानीय और अन्य यात्रियों के हरकी पैड़ी आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं रहेगी। वहीं जिले के बॉर्डर पर चेकिंग के साथ ही 72 घंटे भीतर की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट और रजिस्ट्रेशन देखने के बाद ही सीमा से प्रवेश करने दिया जाएगा। छह अगस्त तक यह व्यवस्था रहेगी। उत्तराखंड पुलिस की ओर से आईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने कांवड़ मेले के दौरान की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी सबके सामने साझा की। कांवड़ियों की रोकथाम को लेकर सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी।
कांवड़ मेले के निरस्त होने के बाद मंगलवार को हरिद्वार में इंटरस्टेट बॉर्डर मीटिंग की गई। उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के अधिकारी और हिमाचल, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारी समन्वय बैठक में पहुंचे। बाहरी जनपदों के अधिकारियों ने बताया कि उनकी ओर से स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है, ताकि हरिद्वार कोई भी कांवड़ लेकर न आ सके। वहीं सीमाओं पर भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। पिछले साल की तर्ज पर ही बैरिकेडिंग सीमाओं पर की गई है।
आईजी वी मुरुगेशन ने कहा कि अन्य जनपदों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा गया है कि सीमाओं से किसी भी सूरत में कांवड़ियों को हरिद्वार न भेजा जाए। हरिद्वार की सीमाओं से कांवड़ियों को वापस लौटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी शिव भक्त ने नियमों और गाइडलाइन का उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी और 14 दिनों का क्वारंटाइन किया जाएगा। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि कावड़ियों के लिए सीमाओं को सील किया जाएगा। वहीं हरकी पैड़ी पर किसी भी कावड़ियों को आने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके लिए हरिद्वार पुलिस ने पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ ही हरकी पैड़ी पर बैरिकेडिंग रहेगी।