देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश संगठन में नए फेरबदल और नई महत्वपूर्ण समितियों के गठन के बाद असंतोष के सुर भी सुनाई देने लगे हैं। धारचूला विधायक हरीश धामी ने कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दूरभाष पर उन्हें समझाने का प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि धामी की नाराजगी बरकरार है।
पिथौरागढ़ जिले की धारचूला सीट से विधायक हरीश धामी को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबियों में शुमार किया जाता है। पार्टी हाईकमान ने 26 दिन की कसरत के बाद प्रदेश संगठन में फेरबदल किया। कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष आर्येंद्र शर्मा को सौंपी गई है। विधानसभा चुनाव में वित्तीय प्रबंधन के लिहाज से इस नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।
आर्येंद्र को हरीश रावत के विरोधी खेमे का माना जाता है। यही वजह है कि धामी को यह नियुक्ति सख्त नागवार गुजरी। उनकी नाराजगी की चर्चा इंटरनेट मीडिया पर जोर पकड़ गई।बताया गया कि उन्हें पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले और फिर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किए गए आर्येंद्र शर्मा की नई जिम्मेदारी को लेकर आपत्ति है।
धामी का कहना है कि ऐसे व्यक्ति को कोषाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद नहीं सौंपा जाना चाहिए। यही नहीं उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष अधिक बनाए जाने को लेकर भी आपत्ति है। मीडिया से बातचीत में धामी ने अपनी आपत्ति को सही बताया। सूत्रों की मानें तो धामी से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दूरभाष पर संपर्क कर मनाने की कोशिश की। फिलहाल धामी ने अपने रुख पर कायम रहने के संकेत दिए हैं।
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