24 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच, रात भर फंसे रहे यात्री

उत्तराखंड चंपावत

चम्पावत: जिले में बारिश का सिलसिला गुरुवार की शाम से थम गया। शुक्रवार की सुबह बादलों के बीच धूप भी निकल आई। लेकिन टनकपुर-पिथौरागढ़ राजमार्ग 24 घंटे बाद भी नहीं खुल पाया। कल से फंसे लगभग 200 यात्रियों ने वाहनों में ही रात गुजारी। बारिश थमने के बाद एनएच खोलने के काम में तेजी आने की उम्मीद है। आज सुह छह बजे से ही जेसीबी मलबा हटाने में जुट गई हैं। अगले तीन से चार घंटे में सड़क खुलने की उम्मीद है। हालांकि आसमान में बादल अभी भी उमड़ घुमड़ रहे हैं। धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

गुरुवार की सुबह आठ बजे अमोड़ी के पास पहाड़ी दरकने के सड़क का बड़ा हिस्सा मलबे से पट गया। इसके अलावा धौन, स्वाला, बेलखेत, झालाकुड़ी बैंड सहित आठ स्थानों पर भी मलबा आने से सड़क बंद हो गई। अमोड़ी समेत सात स्थानों पर मलबा गुरुवार की देर शाम तक हटा लिया गया था। लेकिन स्वाला के पास लगातार गिर रहे मलबे के कारण सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है। शाम सात बजे मलबा हटाने का काम बंद कर दिया गया था। शुक्रवार की सुबह से ही फिर से मशीनें मलबा हटाने में जुट गई हैं। एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि अगले तीन से चार घंटे में मलबा हटा लिया जाएगा।

उधर धौन और चल्थिया के बीच फंसे 200 यात्रियों को रातभर वाहनों में ही रात गुजारनी पड़ी। कुछ सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने यात्रियों के लिए खाने-पीने का प्रबंध किया। चार दिन से बंद 18 ग्रामीण सड़कों में से चार को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया है, जबकि 14 सड़कें अभी भी बंद हैं। जिले के मैदानी क्षेत्र बनबसा और टनकपुर में शारदा नदी का जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है। हालांकि शुक्रवार की सुबह से यहां भी धूप खिली है। आज सुबह आठ बजे तक बनबसा में शारदा नदी का जल स्तर एक लाख 27 हजार क्यूसेक था। शारदा बैराज के गेट बंद कर वाहनों की आवाजाही अभी भी प्रतिबंधित की गई है।

 

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