देहरादून। कोरोनेशन अस्पताल (जिला अस्पताल) में 100 बेड का नया भवन बनकर तैयार है। तीन माह पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस भवन का लोकार्पण भी कर दिया, लेकिन कार्यदायी संस्था ने इसे अभी तक विभाग (अस्पताल प्रबंधन) को हस्तांतरित नहीं किया है। अब इस नवनिर्मित भवन के निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं। मानूसन सीजन की पहली ही बारिश में भवन की छत से पानी टपकने लगा है। इससे ओटी, बर्न वार्ड, आइसीयू आदि जगह पानी रिस रहा है। दीवारों पर भी जगह-जगह सीलन आ गई है।
बता दें कि कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी अस्पताल को मिलाकर जिला अस्पताल बनाया गया है। ऐसे में अस्पताल के संरचनात्मक ढांचे का भी विस्तार किया गया। इस क्रम में कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 100 बेड का नया भवन भी तैयार किया गया। जिसका लोकार्पण तत्कालीन सीएम ने बीती नौ अप्रैल को किया था। इस नए भवन में आधुनिक पैथोलाजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, आइसीयू, माड्यूलर ओटी, बर्न यूनिट आदि की व्यवस्था है, लेकिन दिक्कत यह कि कार्यदायी संस्था के भवन को अस्पताल के लिए हस्तांतरित नहीं किए जाने से मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
हालांकि, लोकार्पण के बाद यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हुआ है। अस्पताल प्रबंधन ने कार्यदायी संस्था को फिनिशिंग व अन्य अधूरे निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन अब इस नए भवन के निर्माण व निर्माण सामाग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। बारिश के कारण भवन की छत से पानी टपक रहा है। इससे दीवारों पर जगह-जगह सीलन है। जिस तरह की स्थिति है, यहां पर कभी कोई हादसा हो सकता है।
अस्पताल की सीएमएस डा. शिखा जंगपांगी का कहना है कि नई बिल्डिंग के निर्माण और फिनिशिंग का काम अभी पूरा होना बाकी है। जिस वजह से इसका हस्तांतरण नहीं हो सका है। सीलन एवं पानी डक्ट की वजह से आया था। हस्तांतरण की पूरी प्रक्रिया समिति की देखरेख में संपन्न होगी।
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