लगातार हो रहे भूस्‍खलन के कारण स्वाला के सात परिवारों को मकान खाली करने के नोटिस

उत्तराखंड चंपावत

चम्पावत : बारिश थमने के बाद अब भू-स्खलन के कारण कई गांवों को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने इस गांवों में ड्रोन सर्वे कराकर खतरे की जद में आए परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की कवायद शुरू कर दी है। स्वाला ग्राम पंचायत के टाक तोक में रह रहे सात परिवारों को जगह खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के नोटिस जारी किए गए हैं। इधर बाराकोट विकास खंड के च्यूरानी ग्राम पंायत के मल्ली भारतोली तोक से भी लोगों को हटाया जा रहा है। प्रशासन तल्ली स्वाला, टाक और च्यूरानी तोकों के16 परिवारों को एहतियान पहले ही गांवों के स्कूल और पंचायत भवनों में शिफ्ट कर चुका है।

चम्पावत की नायब तहसीलदार ज्योति धपवाल ने बताया कि चम्पावत और बाराकोट के इन तीन तोकों में 45 परिवार रह रहे हैं। स्वाला में ड्रोन सर्वे करने के बाद तल्ली स्वाला और टाक तोक के सात परिवारों के लिए अत्यधिक खतरा देखते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर जाने के नोटिस दे दिए गए हैं। रविवार को एडीएम टीएस मर्तोलिया ने भी इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी थी। नायब तहसीलदार ने बताया कि सोमवार को स्वाला क्षेत्र के ईश्वरी दत्त, महादेव भट्ट, धर्मानंद, मोतीराम, प्रेमबल्लभ, चूड़ामणी, गिरीश चंद्र, कृष्णानंद को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

बताया कि इन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजने में प्रशासन भी पूरी मदद करेगा। इधर लोहाघाट के नायब तहसीलदार विजय गोस्वामी के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम सोमवार को भी भारतोली गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने में जुटी रही। गोस्वामी ने बताया कि मल्ली भारतोली में राम सिंह, पुष्कर सिंह, बलवंत सिंह, भवान सिंह, कल्याण सिंह, किशन सिंह, पुष्पा देवी, नारायण सिंह को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। इधर रविवार की रात हुई बारिश से ग्रामीण इलाकों में पहाड़ों के धंसने और चट्टानों से पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। संबंधित क्षेत्रों के तहसील प्रशासन ने महिलाओं से जंगलों में घास के लिए न जाने और ग्वालों से मवेशियों को चुगाने चट्टानों पर न जाने की अपील की है।

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