हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान हुए कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े के मामले में फर्जी डाटा राजस्थान से अपलोड हुआ था। एसआइटी ने यहां के हनुमानगढ़ी निवासी राम नवानी उर्फ रॉकी से पूछताछ की है। बता दें कि इससे पहले एसआइटी ने भिवानी की डेल्फिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। रिमांड पर लेकर हुई पूछताछ में आशीष ने बताया था कि उसने हरिद्वार में कनखल क्षेत्र की अंबुजा फाउंडेशन और राजस्थान निवासी राम नवानी उर्फ रॉकी की मदद से पोर्टल पर फर्जी डाटा फीड कराया था।
एसआइटी के बुलावे पर आज रॉकी हरिद्वार पहुंचा। पूछताछ में उसने को बताया है कि आशीष ने उसे हर एंट्री के ढाई रुपए दिए थे। आशीष ने आइसीएमआर पोर्टल पर उनकी आइडी बनवाई थी। इसी आइडी पर डाटा अपलोड किया गया था। रॉकी का कहना है कि डाटा फर्जी होने की उसे कोई जानकारी नहीं थी। आशीष ने उसे जो डाटा दिया उसने पोर्टल पर अपलोड कर दिया और इसी काम का मेहनताना उसे मिला था। अब एसआइटी जल्द ही कनखल के अंबुजा फाउंडेशन के पदाधिकारियों से भी पूछताछ करेगी।
जानिए पूरा मामला
दरअसल, हरिद्वार कुंभ के दौरान हाई कोर्ट के निर्देश पर कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की बड़े पैमाने पर कोरोना जांच की गई थी। बाद में इस मामले में पंजाब के फरीदकोट से हुई एक शिकायत की पड़ताल में पता चला कि कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है और तमाम जांच किए बिना ही उनके निगेटिव डाटा सरकारी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए।
हरियाणा के लैब संचालक की हुई थी पहली गिरफ्तारी
जांच के बाद इस मामले में एसआइटी ने भिवानी (हरियाणा) के एक लैब संचालक को गिरफ्तार किया। इस प्रकरण में यह पहली गिरफ्तारी रही। इसके बाद फर्जीवाड़े में नामजद मैसर्स मैक्स कारपोरेट सर्विसेज नई दिल्ली के साझीदारों शरत पंत और मल्लिका पंत ने अपने स्तर पर ही इस लैब को टेस्टिंग में शामिल कर लिया था, जबकि उनका अनुबंध हिसार (हरियाणा) की नलबा लैबारेटरी और नई दिल्ली की डा. लालचंदानी लैब से था। हरिद्वार कुंभ में जिन दो दर्जन फर्मों को कोरोना टेस्टिंग का ठेका दिया गया है, उनमें मैक्स कारपोरेट सर्विसेज भी है।