पर्वतीय जिलों में बारिश बनी मुसीबत, कौसानी और टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर यातायात ठप

उत्तराखंड चंपावत

चंपावत। कुमाऊं में बारिश का दौर जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक झमाझम बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण पर्वतीय जिलों में भूस्‍खलन का भी खतरा बढ़ गया है। चंपावत जिले में स्‍वाला के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण बीते चार दिनों से टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे बंद है। ऐसे में वहां जरूरी चीजों का संकट भी शुरू हो गया है। वहीं बागेश्‍वर में पिछले दो दिन से लगातार बारिश का दौर जारी है। बारिश से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली आठ सड़कें बंद हैं।

बागेश्‍वर जिले में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कौसानी को जोड़ने वाला मोटर मार्ग भी बंद हो गया है। आपदा प्रबंधन विभाग बंद मोटर मार्गों को खोलने में जुटा हुआ है। बुधवार की सुबह कौसानी के पास भूस्खलन से एक बड़ा पेड़ गिर गया।जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम मोटर मार्ग सुचारू करने से लगी हुई है। वही कपकोट मोटर मार्ग भी बंद है। मार्ग बंद होने से 20 हजार की आबादी सीधे प्रभावित हो रही है। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मोटर मार्ग खोलने के तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। सभी संबंधितों को दिशा निर्देशित कर दिया गया है।

बारिश व पूर्वी हवाओं की वजह से तापमान में कमी आई है। नैनीताल जिले के प्रमुख हिल स्टेशन मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 20 डिग्री से नीचे आ गया है। मंगलवार को मुक्तेश्वर का अधिकतम पारा 19.5 डिग्री व न्यूनतम 16.3 डिग्री रहा। अधिकतम औसत तापमान से एक डिग्री कम है। नैनीताल का अधिकतम तापमान 22 डिग्री व न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

जिले भर में हो रही बारिश से 27 मार्ग बंद है। पिथौरागढ़- थल मार्ग में बुंगाछीना के पास मलबा आने से मार्ग बंद है। पिथौरागढ़ से थल, मुनस्यारी, बेरीनाग आने जाने वाले वाहन फसे है। लोनिवि मार्ग खोलने में जुटी है। हाइवे धारचूला- तवाघाट के मध्य और लिपुलेख मार्ग तवाघाट गरबाधारके बीच बंद है। डीडीहाट नगर से पमस्यारी जाने वाली सड़क बंद हो चुकी है। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग पर बरम से बंगापानी के बीच मार्ग बंद है। दोनों तरफ वाहन फसे है। 27 सड़के बंद होने से लगभग डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार थल मार्ग खोला जा रहा है। मार्ग के जल्द खुलने के आसार है।

 

7 thoughts on “पर्वतीय जिलों में बारिश बनी मुसीबत, कौसानी और टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर यातायात ठप

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