चम्‍पावत के भारतोली में नहीं हटा मलबा, पिथौरागढ़ व पूर्णागिरि मार्ग अभी भी बंद

उत्तराखंड चंपावत

चम्पावत : टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर भारतोली के पास मलबा आने से बंद सड़क अभी भी नहीं खुल पाई है। इससे टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर पिछले 192 घंटे से वाहनों का संचालन नहीं हो पाया है। शनिवार की सुबह से ही मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर तक भी सड़क खुलने की संभावना नहीं है। टनकपुर से लोहाघाट तक वाहनों का संचालन सुचारू है। तीन दिन पूर्व बंद हुई 11 ग्रामीण सड़कों में से चार को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया है, जबकि सात सड़कें अभी भी बंद हैं।

एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि भारतोली के पास मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। पांच दिन पूर्व आया मलबा अभी तक नहीं हट पाया था कि शुक्रवार की शाम फिर से मलबा गिर गया। लगातार गिर रहे मलबे के कारण सड़क खोलने में देरी हो रही है। सड़क न खुलने से चम्पावत और पिथौरागढ़ जिले से सड़क संपर्क आठ दिन से पूरी तरह भंग है। भी यात्रियों को पिथौरागढ़ के लिए अल्मोड़ा होते हुए जाना पड़ रहा है। लंबे वक्त तक एनएच बंद होने से प्रशासन के सामने भी पशोपेश की स्थित पैदा हो गई है। शुक्रवार को डीएम विनीत तोमर में भारतोली पहुंचकर एनएच के अधिकारियों को शीघ्र सड़क खोलने के निर्देश दिए थे। उधर टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग तेरहवें दिन भी बंद रहा।

हनुमान चट्टी के पास गिरी चट्टान को काटने में दिक्कत आ रही है। जबकि लोनिवि द्वारा बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी ध्वस्त हो गया है। लोनिवि के ईई एपीएस बिष्ट ने बतया कि चट्टान को ब्लास्ट करके के लिए अनुमति मांगी जा रही है। बिना ब्लास्ट किए सड़क खुलना संभव नहीं है। मलबा आने से बंद गांवों को जोडऩे वाली डुंगराबोरा-मटियानी, असलाड़-पासम, खटोली मल्ली एवं बाराकोट-कोठेरा सड़क को शुक्रवार की देर शाम आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया था।

 

 

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