हल्द्वानी :चुनावी साल में मूलभूत सुविधाओं को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू हो गया है। गौलापार व चोरगलिया के लोगों ने बिजली कटौती व टूटी सड़कों की सुध नहीं लेने पर गुरुवार को बैठक के बाद प्रदर्शन भी किया। लोग सड़क के गड्ढों में धान रोंपने पहुंच गए। वहीं, इन दो दिक्कतों को दूर करने के लिए समिति भी बनाई जा रही है। जिसके बाद आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार होगी।
चोरगलिया क्षेत्र के लोग लगातार हो रही बिजली कटौती से परेशान हो चुके हैं। ऊर्जा निगम के अफसरों के समक्ष कई बार इस मामले को रखने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। वहीं, गौलापार के पांच से ज्यादा गांवों में लो-वोल्टेज समस्या बन चुकी है। लो-वोल्टेज के कारण नलकूप भी ठप हो जाते हैं। जिससे पानी का संकट भी खड़ा हो जाता है। वहीं, गुरुवार को ग्रामीणों ने पहले बैठक कर ऊर्जा निगम की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया। कहा कि अफसर जान बूझकर उनके क्षेत्र में कटौती कर रहे हैं।
वहीं, चोरगलिया हाईवे की दशा नहीं सुधरने को लेकर भी लंबे समय से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि हाईवे, शेरनाला, विजयपुर व नकायल के लोगों की भारी समस्या को प्रशासन हल्के में ले रहा है। दफ्तर पहुंचने पर बस आश्वासन देकर शांत करा दिया जाता है। लेकिन अब ग्रामीण अपने हकों को लेकर लड़ेंगे। इस दौरान भुवन पोखरिया, नीरज रैक्वाल, अर्जुन बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद थे।
Insightful piece
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