सावन की महाशिवरात्रि आज: सजे शिवालय और देवालय, जलाभिषेक के लिए तड़के से पहुंचे भक्त

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देहरादून। आज सावन की महाशिवरात्रि है और राजधानी देहरादून के साथ ही उत्तराखंड भर के शिवालयों व मंदिरों में जलाभिषेक के लिए भक्त की भीड़ उमड़ी है।

महाशिवरात्रि के मौके पर सभी शिवालयों को भव्य तरीके से सजाया गया है। शिवालयों में सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं कोविड नियमों के साथ ही देवालयों में जलाभिषेक करने की मंदिर प्रबंध समितियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है। हरिद्वार में हरकी पैड़ी से लेकर तीर्थनगरी के मंदिरों में शुक्रवार तड़के से ही खासी भीड़ है।

शुक्रवार को श्रावण मास की महाशिवरात्रि पर आज ब्रह्म मुहूर्त में ही देवालयों व शिवालयों में जलाभिषेक शुरू हो गया। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। हरिद्वार में पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी के जवान गुरुवार रात को ही तैनात कर दिए गए थे। वहीं मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से कोरोना नियमों के साथ जलाभिषेक करने की अपील भी मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ मिलकर पुलिसकर्मी कर रहे हैं। शहर में श्रद्धालु सबसे अधिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक कर रहे हैं।

हरिद्वार के बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर, नीलेश्वर महादेव मंदिर, दरिद्र भंजन महादेव मंदिर, तिलभांडेश्वर, पीपलेश्वर महादेव मंदिर समेत आदि मंदिरों में भी जलाभिषेक हो रहा है। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिरों को भव्य रुप से सजाया गया है। वहीं मंदिरों में भगवान शिव की प्रतिमा का भी भव्य शृंगार किया गया है।

एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया कि देवालयों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं फोर्स की भी तैनात कर दी गई है। कोरोना नियमों के साथ मंदिरों में अभिषेक कराया जाएगा। 

सर्वार्थ सिद्धि योग में शिवरात्रि का पर्व
श्रावण शिवरात्रि का पर्व सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा, जिससे भगवान को जलाभिषेक करने का कई गुणा पुण्य फल मिलेगा। श्रद्धालु इस बार दो दिन तक शिवरात्रि योग में जलाभिषेक कर सकेंगे।

पंडित राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि शुक्रवार को शाम साढ़े छह बजे चतुर्दशी प्रारंभ होगी, जो अगले दिन शाम सात बजे तक रहेगी। शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग एवं आर्द्रा नक्षत्र होने से यह योग सभी कार्यों की सिद्धि कराने वाला होगा।

शिवरात्रि पर चार पहर की विशेष पूजा फलदायी होती है, जो कि सुबह के समय साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक हुई, जबकि दोपहर की पूजा 12 बजकर पांच मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक होगी। शाम को पूजा सात बजे से रात्रि 9.40 तक होगी। पंडित शुक्ल ने बताया कि आज व्रत रखकर भगवान शिव का अभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

विधान के अनुसार संतान कामना के लिए गाय के दूध, धन प्राप्ति के लिए गन्ने का रस, बुद्धि प्राप्ति के लिए मीठा जल, रोग शांति के लिए कुश का जल, असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए शहद, पशुधन प्राप्ति के लिए दही आदि द्रव्यों से भगवान को अभिषेक कराने से मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन भगवान शिव को पंच अमृत से स्नान कराने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

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