देहरादून। टेक होम राशन योजना को लेकर उठे विवाद के बीच महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा है कि टेक होम राशन योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी पहले से अधिक बढ़ाई जाएगी। सरकार इस तरह की योजना बना रही है, जिससे केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन हो और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी भी बढ़े।
टेक होम राशन एक केंद्र पोषित योजना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा गरीब बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषक कच्चा अनाज दिया जाता है। इससे प्रदेश में अभी नौ लाख बच्चे व महिलाएं लाभान्वित हो रहे हैं। अनाज के वितरण का कार्य प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिये कराया जाता है। प्रदेश में यूं तो तकरीबन 33 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं, लेकिन कच्चे राशन के वितरण का काम अभी 80 से 100 महिला स्वयं सहायता समूह कर रहे हैं। इसके एवज में उन्हें एक निश्चित धनराशि दी जाती है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने इस योजना में एक बदलाव किया है। केंद्र ने अब कच्चे राशन के वितरण पर रोक लगा दी है। इसके बदले केंद्र ने बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विटामिन एवं मिनरल युक्त आहार देने का निर्देश दिए हैं। इसमें यह भी व्यवस्था की गई है कि इस आहार की समय-समय पर लैब से टेस्टिंग कराकर ही वितरण किया जाए, ताकि लाभार्थियों को योजना का लाभ और अच्छे तरीके से मिल सके। इसके लिए सरकार ने कुछ कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसका प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि इससे महिला स्वयं सहायता समूहों के हितों पर विपरीत असर पड़ेगा।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना प्रभावित न हो, इसके लिए केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन कराना बेहद जरूरी है। सरकार ऐसी योजना बना रही है, जिससे केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का भी पालन हो और लाभार्थियों को विटामिन और मिनरल युक्त राशन का वितरण भी किया जा सके। साथ ही पहले की तुलना में और अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को भी रोजगार प्राप्त हो सके।