आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद गोकर्ण सिंह को मिलेगा मरणोपरांत सेना मेडल

उत्तराखंड नैनीताल

लालकुआं : बीते वर्ष जम्मू कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए भारतीय सेना की 21 कुमाऊं रेजिमेंट के हवलदार गोकर्ण सिंह को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में अदम्य साहस, पराक्रम और शौर्य का परिचय दिया था। मूल रूप से पिथौरागढ़ जनपद निवासी शहीद गोकर्ण सिंह का परिवार वर्तमान में मोटाहल्दु की पदमपुर देवरिया में रहता है।

गत वर्ष एक मई 2020 को मूल रूप से पिथौरागढ़ जनपद के मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी हवलदार गोकर्ण सिंह ( 41 वर्ष) ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। मुठभेड़ में 21 कुमाऊं रेजीमेंट के इस जांबाज़ सैनिक ने आज अदम्य साहस, शौर्य एवं पराक्रम का परिचय दिया था। उनकी इस वीरता को देखते हुए उन्हें सरकार द्वारा मरणोपरांत सेना मेडल दिया जा रहा है। भारतीय सेना द्वारा इसकी घोषणा 15 अगस्त को दिल्ली में की गई है।

राष्ट्रपति की ओर से उनके पत्नी गीता देवी को यह मेडल दिया जाएगा। हालांकि अभी अभी उनकी पत्नी को राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित करने के लिए बुलावा नहीं आया है। वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी के मोटहल्दू स्थित पदमपुर देवालिया में रहता है। शहीद गोपाल सिंह दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही वह वीरगति को प्राप्त हो गए। उत्तराखंड के इस वीर सैनिक को मरणोपरांत सेना मेडल मिलने पर देशवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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