आपात कार्यों के लिए लोनिवि ने जारी की एसओपी, भेजनी होगी क्षतिग्रस्त मार्ग की फोटो

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून। लोक निर्माण विभाग ने आपातकालीन और अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्यों के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी की है। इसके तहत मार्ग के बाधित होने से लेकर खोलने तक अपनाए जाने वाली प्रक्रिया के विषय में जानकारी दी गई है। शासन ने ठेकेदारों के पंजीकरण की समय सीमा भी अब 45 दिन निर्धारित कर दी है।

प्रदेश में बरसात और आपदा के दौरान मार्ग बाधित होते रहते हैं। कई बार मार्ग को तुरंत यातायात के लिए खोल दिया जाता है, जबकि मार्ग में भूस्खलन आदि की आशंका बरकरार रहती है। इससे जानमाल की हानि का खतरा रहता है। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने मानक प्रचालन कार्यविधि जारी की है। इसके अनुसार अति आवश्यक कार्यों के लिए यातायात खोलने से पहले अधिशासी अभियंता को ई-मेल अथवा डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये क्षतिग्रस्त स्थल का फोटो सहित अन्य सूचना भेजनी होगी। इसे इंजीनियरिंग शाखा को भेजा जाएगा।

मार्ग की क्षति का आकलन करने, मार्ग खोलने का संभावित समय, इसमें आने वाले खर्च आदि का आंकलन करने के पश्चात प्रमुख अभियंता स्तर से स्वीकृति के बाद ही मार्ग खोलने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। अति महत्वपूर्ण कार्य का बजट आवंटन की प्रत्याशा में प्रमुख अभियंता की स्वीकृति के पश्चात जारी किया जा सकेगा।

अब 45 दिन में होगा ठेकेदार का पंजीकरण

लोक निर्माण विभाग में अब ठेकेदारों के पंजीकरण की समय सीमा 45 दिन कर दी गई है। पहले यह समय सीमा 90 दिन थी। ठेकेदारों के पंजीकरण के दौरान यह बात सामने आ रही थी कि कई बार फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर ठेकेदारों के पंजीकरण हुए हैं। ऐसे में शासन ने पंजीकरण की समयसीमा तय करने के साथ ही जिम्मेदारी भी तय की है।

इसके तहत ठेकेदारों द्वारा पंजीकरण के लिए प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच व कमियां पाए जाने पर ठेकेदार से पत्राचार करने का समय 15 दिन रखा गया है। कमियों के निराकरण के पश्चता अनुभव, हैसियत व अन्य दस्तावेजों को 15 दिन के भीतर कार्यालयों के भेजना होगा। सभी प्रपत्रों का सत्यापन व पंजीकरण अगले 15 दिन में करना जरूरी होगा। इस तरह 45 दिन में सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *