पिथौरागढ़ का समकोट पहली बार संचार सेवा से जुड़ा, 35 किमी दूर जाकर करते थे गैस बुकिंग

उत्तराखंड पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ : डिजिटल इंडिया का सपना अब सीमांत में भी साकार होता नजर आ रहा है। मुनस्यारी तहसील के समकोट में विधायक निधि से बना टॉवर शुरू  हो चुका है। अभी तक संचार से वंचित पच्चीस गांवों में पहली बार फोन की घंटी बजी। दशकों से संचार सेवा की मांग कर रहे ग्रामीणों में खुशी व्याप्त है। डेढ़ दशक पूर्व खरीदे गए मोबाइल फोन पहली बार बजने लगे हैं।

देश में भले ही संचार क्रांति आए दशकों बीत चुके हैं। सीमांत जनपद के चीन और नेपाल सीमा क्षेत्र के अलावा मुनस्यारी तहसील का सीमा से दूर समकोट क्षेत्र भी संचार से वंचित था। इस क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव संचार सुविधा से वंचित थे। जबकि क्षेत्र से लगा और आगे का मुनस्यारी क्षेत्र कब के मोबाइल फोन सेवा से जुड़ चुका था। समकोट क्षेत्र मोबाइल फोन तो दूर लैंडलाइन संचार सेवा से भी वंचित था। लगभग एक दशक से पूर्व जब इस क्षेत्र को संचार से जोड़ा जा रहा था तो तब समकोट, कोटा पंद्रहपाला के ग्रामीणों ने अपने गांवों तक भी संचार सेवा की आस में मोबाइल फोन सैट खरीद लिए थे परंतु इस क्षेत्र को संचार से नहीं जोड़ा गया।

शुक्रवार ग्रामीणों की खुशी का दिन रहा

शुक्रवार को एसडीएम अभय प्रताप सिंह के निर्देश पर राजस्व दल ने राजस्व निरीक्षक प्रकाश कापड़ी , प्रकाश जोशी, उप निरीक्षक गणेश देऊपा और देवेंद्र धपवाल ने एक सप्ताह तक मौके पर रह कर टावर तक बिजली लाइन पहुंचाई । बिजली लाइन बीते दिनों  गिरगांव के पास हुए भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हो गई । शुक्रवार की सुबह मोबाइल टॉवर तक बिजली पहुंची और समकोट क्षेत्र में फोरजी के सिग्नल आए। बीते दिनों से सिग्नल आने की प्रतीक्षा कर रहे ग्रामीणों में खुशी छा गई ।

विधायक निधि से बना है मोबाइल टॉवर 

समकोट मोबाइल टॉवर का निर्माण धारचूला के विधायक हरीश धामी द्वारा दिए गए विधायक निधि से हुआ है। जनता मोबाइल सेवा की मांग कर रही थी परंतु सरकार स्तर से कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही थी। विधायक हरीश धामी ने वर्ष 2019 में अपनी विधायक निधि से इसके लिए तीस लाख के आसपास धनराशि दी। तब विधायक निधि से मोबाइल टॉवर लगाने का मामला राजनीतिक विषय भी बना था।

बीएसएनएल ने टॉवर के लिए धनराशि मिलने पर टॉवर खड़ा किया। लगभग एक  साल पूर्व टॉवर तैयार हो गया परंतु टॉवर तक बिजली संयोजन नहीं होने से टॉवर शुरू  नहीं हो सका। बीते दिनों शासन से टॉवर को चालू करने के निर्देश मिले। टॉवर को बिजली संयोजन दिया गया परंतु बिजली लाइन आपदा की भेंट चढ़ गई । राजस्व विभाग ने एक सप्ताह तक क्षेत्र में रह कर बिजली लाइन ठीक कराई । टॉवर के शुरू  होते ही इसका श्रेय लेने की राजनीतिक दलों की होड़ लगी है।

ये गांव होंगे लाभान्वित

मल्ला समकोट, तल्ला समकोट, राया, बजेता, कोटा पंद्रहपाला, दाखिम, सेलमाली जैसे बड़े गांवों के अलावा दो दर्जन राजस्व एवं तोक गांव । अभी तक ग्रामीण 15 से 35 किमी दूर नाचनी, बांसबगड़, गिनीबैंड और मुनस्यारी जाकर गैस सिलिंडर की बुकिंग करते थे।

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