कुछ लोग 59 साल बाद खुली गरतांग गली को बदरंग कर रहे हैं। इन लोगों ने लकड़ी की रेलिंग पर अपने नाम कुरेद दिए हैं। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 18 अगस्त को भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह रही गरतांग गली को पर्यटकों के लिए खोला गया था।बड़ी संख्या में स्थानीय व अन्य राज्यों के पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। इसी बीच मंगलवार को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें असामाजिक तत्वों ने लाखों रुपये की लागत से तैयार गली की रेलिंग पर किसी नुकीली चीज से अपने नाम कुरेद दिए हैं।
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, पूर्व अध्यक्ष अजय पुरी, कमलेश गुरुरानी ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए गंगोत्री पार्क प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। कहा कि कुछ लोगों के कारण पर्यटकों में राज्य के प्रति गलत संदेश जाता है। उल्लेखनीय है कि इस गली को 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सुरक्षा कारणों के चलते बंद कर दिया गया था। हाल ही में लोक निर्माण विभाग ने करीब 65 लाख की लागत से इस गली का जीर्णोद्धार कराया, जिसमें देवदार की लकड़ी से दोबारा सीढ़ीदार रास्ता तैयार किया गया है।
यह मामला संज्ञान में आया है। कुछ असामाजिक तत्वों ने रेलिंग की लकड़ी पर नाम उकेरे हैं। इन लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-प्रताप पंवार, वन क्षेत्राधिकारी, गंगोत्री नेशनल पार्क।
इस मामले में नोटिस जारी किया जाएगा। संबंधित लोगों का पता चलने पर उनके खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट में कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जमानत भी आसानी से नहीं होती है।