हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में उपनल कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं। तीमारदार खुद स्ट्रेचर और व्हीलचेयर खींचने को मजबूर हैं। हालांकि ब्लड जांच से लेकर कुछ अन्य व्यवस्थाओं के लिए नर्सिंग प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं को लगाया गया है।
एसटीएच के उपनल कर्मचारी दो सितंबर से हड़ताल पर हैं। बुद्ध पार्क में धरने पर बैठे हैं। सरकार से समान कार्य समान वेतन व नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बैंक्वेट हॉल में पत्रकार वार्ता की और कहा कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दे। इधर, अधिकांश कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है।
मरीज को एंबुलेंस से उताकर इमरजेंसी तक ले जाना हो या फिर जांच या ऑपरेशन के लिए ले जाना, हर जगह तीमारदारों को दौडऩा पड़ रहा है। ब्लड जांच के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं। इस जगह पर नर्सिंग के लिए प्रशिक्षण लेने वाली छात्राओं को लगाया गया है। इनकी ड्यूटी ओपीडी में पर्चे लगाने के अलावा कई अन्य जगहों पर भी है।
पर्ची व बिल काउंटरों पर दूसरे कर्मचारी हैं। इसकी वजह से भी दिक्कत हो रही है। जहां सर्जरी विभाग में अन्य दिनों आठ-नौ का ऑपरेशन हो जाया करता था, अब यह संख्या पांच में सिमट गई है। ईएनटी में तीन, हड्डी रोग विभाग में छह, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में चार व अन्य चार मरीजों के ही ऑपरेशन हुए। गंदगी बढऩे लगी है। पर्ची काउंटर पर भीड़ बढऩे से कोविड नियमों का पालन करवाना मुश्किल हो गया है।
ये रही स्थिति
मंगलवार सुशीला तिवारी अस्पताल में 1164 मरीज ओपीडी में पहुंचे, जबकि 462 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। 84 नए मरीजों को भर्ती किया गया है। वहीं हड़ताल शुरू होने के बाद से 21 मरीजों के ही ऑपरेशन हो सके हैं।