उत्तराखंड के बेसिक स्कूलों में 2648 पदों पर शिक्षकों की भर्ती होगी। इस संबंध में हाल ही में हाईकोर्ट से रोक हटने के बाद मंगलवार को शासन की ओर से शिक्षक भर्ती का शासनादेश जारी कर दिया गया है। शिक्षा सचिव राधिका झा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। नियुक्तियां अदालत के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में सरकार की ओर से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। जिस पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
कहा कि केंद्र सरकार व राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने एनआईओएस से डीएलएड को मान्यता दी थी। एनआईओएस से डीएलएड को अन्य माध्यमों से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के समान माना गया है। जबकि अन्य अभ्यर्थियों की ओर से एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शिक्षक भर्ती में शामिल न किए जाने की याचिका दाखिल की गई थी।
एक सितंबर को हाईकोर्ट ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी थी। इसके बाद शिक्षा निदेशालय ने इस मामले में शासन से एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों के संबंध में दिशा निर्देश मांगा था। कहा गया था कि यह स्पष्ट किया जाए कि इन्हें जनपदवार शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाना है या नहीं। इस पर शासन की ओर से न्यायालय के आदेश के अनुसार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के आदेश दिए गए हैं।
शासनादेश में नहीं किया गया स्पष्ट
एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए या नहीं, इस पर शासन की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है। आदेश जारी किया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हएु शिक्षकों की भर्ती की जाए। शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के मुताबिक इस संबंध में निदेशालय को जो आदेश मिला है, उसे जिलों को भेजा जाएगा।
In: Grotenhermen F, Russo EB, editors.
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This may lead to failure of the circulatory system and shock, and possibly death without prompt, appropriate treatment.