यहां तेंदुए के आतंक के कारण लगाना पड़ा नाइट कर्फ्यू, घरों में कैद होने पर मजबूर हुए लोग

उत्तराखंड देहरादून

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में तेंदुए के बढ़ते आतंक को देखते हुए डीएम डॉ. आशीष चौहान के आदेश के बाद पौंण, पपदेव, बजेटी, जीआईसी, चंडाक सड़क और रई क्षेत्र में 21 सितंबर से नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह पहली बार होगा जब तेंदुए के आतंक के चलते शाम छह बजे बाद इन क्षेत्रों में लोगों को घरों में कैद होना पड़ेगा। एसडीएम नंदन कुमार ने बताया नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए थाना कोतवाली को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नाइट कर्फ्यू का प्रचार प्रसार करने के लिए थाना कोतवाली, वन विभाग, आपदा प्रबंधन अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है।

जिला मुख्यालय से सटे पाटा गांव में बीते रविवार को तेंदुआ आठ वर्षीय मासूम मानसी को उठा कर ले गया था। सोमवार सुबह घर से 100 मीटर की दूरी पर वन विभाग को उसका शव मिला था। बुधवार को वन विभाग ने बच्ची को मारने वाले तेंदुए को आदमखोर घोषित कर दिया है। क्षेत्र में दूसरा पिंजरा भी लगाया गया है। घटना के बाद से लोगों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश था। कांग्रेस ने भी वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन किया था।

डीएफओ डॉ. विनय भार्गव ने बताया कि पाटा में मासूम बच्ची को मारने वाला तेंदुआ आदमखोर घोषित कर दिया गया है। जल्द ही शिकारी को बुलाया जाएगा। क्षेत्र में आठ वन कर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं। तेंदुए के आतंक को देखते हुए प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू लगाया है। ऐसे में लोग घरों में ही रहें और समय से बाजार से अपने काम कर घर लौट जाएं।

उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को वन विभाग ने पाटा क्षेत्र में पिंजरा लगाया था, जिसमें एक तेंदुआ कैद हुआ था। मगर तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए पिंजरा हटाने के बाद लोगों में डर का माहौल बना था। क्षेत्र में एक से अधिक तेंदुए दिखाई दे रहे थे। बजेटी वार्ड के सभासद बसंत कुमार ने मंगलवार को डीएम को पत्र देकर दूसरा पिंजरा लगाने की मांग की थी, जिसके बाद वन रेंजर डीसी जोशी के नेतृत्व में वन विभाग ने क्षेत्र में पिंजरा लगाया गया है। इधर बुधवार को बजेटी क्षेत्र में तेंदुए ने तड़के एक पालतू कुत्ते को मार डाला।

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