देहरादून। प्रदेश सरकार ने सिंचाई विभाग में स्थानीय बेरोजगारों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सिंचाई विभाग में अब 50 लाख तक के निर्माण व अन्य कार्यों के लिए अनुभव प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही सरकार ने निविदा दाखिल करने के दौरान कार्य का टर्नओवर देखे जाने की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने तत्काल प्रभाव से व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में इस समय सिंचाई समेत कई विभागों में निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अनुभव प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होता है। इसके साथ ही उन्हें यह बताना होता है कि वह वार्षिक कितना काम करते हैं और उनका कितना टर्नओवर है। इसके आधार पर ही उन्हें विभाग में कार्य मिलता है। अब सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में निविदा प्रक्रिया के तहत प्रदेश के बेरोजगार नवयुवकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रचलित निविदा प्रणाली में संशोधन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार देने के साथ-साथ अधिक से अधिक सहभागिता, क्षमता, संवर्द्धन, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में निविदा के लिए अनुभव प्रमाण पत्र और टर्नओवर के प्रविधान को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अब विभाग में ई-निविदा और टू-बिड सिस्टम की व्यवस्था 50 लाख से अधिक के कार्यों में ही की जाएगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।