हरिद्वार। ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि अपने पास लाइसेंसी पिस्टल भी रखते थे। यह पिस्टल श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में उनके निजी कक्ष में होना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में सीबीआइ इसकी फारेंसिक जांच भी करा सकती है। हालांकि, अभी इस पर कोई कुछ बोल नहीं रहा है।
प्रयागराज में श्रीमहंत अल्लापुर (भरद्वाजपुरम) स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के विश्राम गृह के कमरे में 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि संदिग्ध हाल में मृत मिले थे। कमरे से बरामद सुसाइड नोट में आनंद गिरि और बंधवा स्थित लेटे हनुमान मंदिर के हटाए गए पुजारी आद्या तिवारी तथा उसके बेटे संदीप तिवारी को आरोपित बनाया गया है। सीबीआइ श्रीमहंत की मौत की गुत्थी अभी सुलझाने में जुटी है। इन दिनों सीबीआइ आरोपितों को रिमांड पर लेकर सीबीआइ उनके ठिकानों पर ले जाकर सुबूत जुटा रही है।
इधर, सूत्रों ने बताया कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि अपने पास लाइसेंसी पिस्टल रखते थे। वर्ष 2005-06 के आसपास उन्होंने अपना शस्त्र लाइसेंस बनवाया था। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने श्रीमहंत के लाइसेंसी पिस्टल रखने और वर्तमान में इसके श्री मठ बाघम्बरी में उनके कमरे में मौजूद होने की पुष्टि की। यद्यपि, पुलिस और सीबीआइ इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर रही है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ इस कोण पर भी काम कर रही है कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कि परिस्थितियों में फांसी लगाने का कदम उठाया। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के सेवादारों का यह बयान भी सामने आ चुका है कि श्रीमहंत ने कुछ दिन पहले सल्फाज की गोलियां भी मंगवाई थी। यह सवाल अभी अनुत्तरित है कि इस सबके बाद भी उन्होंने फंदे पर लटकने का विकल्प क्यों चुना।
बताया गया कि बीमारी की वजह से श्रीमहंत को सीढिय़ां चढऩे तक में दिक्कत होती थी, ऐसे में उनकी मौत के बाद से ही सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने कैसे और किन परिस्थितियों में अपने निजी निवास कक्ष की बजाय मठ के अतिथिगृह में स्टूल या मेज पर चढ़कर फंखे के कुंडे में फंदा डाला। घटना वाले दिन वह दोपहर खाना खाने के बाद नियमित दिनचर्या के अनुसार मठ की दूसरी मंजिल स्थित अपने कमरे में जाने की बजाय विश्राम करने अतिथिगृह में क्यों गए। इस सवाल का जवाब भी तलाशा जा रहा है कि अतिथिगृह में कोई क्यों और किन परिस्थितियों में नायलान की रस्सी और सल्फास की गोली का डिब्बा रखेगा। सीबीआइ प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक उनकी मौत से जुड़े इन्हीं सवालों के जवाब तलाश रही है।