देहरादून। प्रदेश सरकार को जल्द हेली एंबुलेंस मिलने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार लगातार केंद्र के सामने इस मसले को उठाती रही है। मौजूदा परिस्थितियों में इसकी जरूरत बहुत अधिक महसूस की जा रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मसले को केंद्र के सामने रख चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सात अक्टूबर को उत्तराखंड दौरे के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस संबंध में कोई घोषणा कर सकते हैं।
प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मरीजों को त्वरित उपचार मुहैया कराने के लिए यहां लगातार एयर एंबुलेंस संचालित करने की मांग उठती रही है। मकसद यह कि सुदूर पर्वतीय क्षेत्र से मरीजों को आपात स्थिति में इलाज के लिए शहरी क्षेत्रों के बड़े अस्पतालों तक लाया जा सके। इसके लिए प्रदेश सरकार लंबे समय से प्रयासरत है। तीन साल पहले वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने प्रदेश को एयर एंबुलेंस के संचालन की अनुमति दी थी, मगर इसके लिए अलग पैरामेडिकल स्टाफ व विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जानी थी। पहले से ही राज्य सरकार इसकी कमी से जूझ रही थी। ऐसे में अनुमति मिलने के बाद भी एयर एंबुलेंस का संचालन नहीं हो पाया।
एयर एंबुलेंस संचालन को हर साल केंद्र से अनुमति लेनी होती है। अनुमति देने के साथ ही केंद्र इसके संचालन को बजट भी जारी करता है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने इस वर्ष केंद्र से एनएचएम के अंतर्गत एयर एंबुलेंस के संचालन की अनुमति मांगी। इस वर्ष केंद्र ने किसी भी राज्य को इसकी अनुमति नहीं दी तो उत्तराखंड को भी मायूस होना पड़ा। ऐसे में प्रदेश ने स्वयं की एयर एंबुलेंस चलाने पर विचार किया लेकिन इसमें आने वाली लागत को देखते हुए सरकार को कदम पीछे खींचने पड़े।
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। इस दौरान भी उन्होंने हेली एंबुलेंस का मसला उठाया, जिस पर सिंधिया ने इस संबंध में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सात अक्टूबर को देहरादून आ रहे हैं। इस दौरान वह देहरादून में आयोजित हेली समिट में शिरकत करेंगे। माना जा रहा है कि इस मौके पर वह प्रदेश को हेली एंबुलेंस की सौगात दे सकते हैं।