हल्द्वानी : प्रस्तावित जमरानी बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के विस्थापन को लेकर अब कमिश्नर संग ग्रामीणों की बैठक होगी। कमिश्नर कुमाऊं ने कुछ समय पूर्व डीएम ऊधमसिंह नगर से किच्छा में जमीन तलाशने को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। संभावना है कि बैठक में इस रिपोर्ट को लेकर ग्रामीणों से चर्चा कर सुझाव भी मांगे जाएंगे। जमरानी परियोजना के अफसरों के अलावा पुनर्वास कार्य के लिए गठित समन्वय समिति से जुड़े 14 लोग बैठक में शिरकत करेंगे।
जमरानी बांध की जद में छह गांव आ रहे हैं। एडीबी इस प्रोजेक्ट को 2700 करोड़ रुपये की फंडिंग देने को तैयार हैं। लेकिन शर्त के मुताबिक इससे पहले 216 परिवारों का दूसरी जगह बसाने के लिए जमीन तलाशने के साथ लोगों को भी राजी करना होगा। जमीन चयन की जिम्मेदारी प्रशासन को मिली है। लंबे समय से चल रहे प्रयास के बाद सितारगंज, बाजपुर व किच्छा में भी संभावनाएं तलाशी गई। इसमें ग्रामीणों की पहली पसंद किच्छा का पराग फार्म है। लेकिन जमीनी स्तर पर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। जिस वजह से ग्रामीणों के समक्ष भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वहीं, अब कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पुनर्वास मामले को लेकर ग्रामीणों से विस्तार से चर्चा होगी। संभावना है कि किसी अन्य विकल्प को लेकर भी डूब क्षेत्र के लोगों से राय ली जा सकती है। यह रखेंगे ग्रामीणों का पक्ष: प्रधान पस्तोला खष्टी राघव, गंगा दत्त पलडिय़ा, हरेंद्र बोरा, प्रेम राम, चिराग सिंह बोरा, दीवान सिंह, बीरबल सिंह, हरीश सिंह, नारायण सिंह, दलीप सिंह, जीवन सिंह, नवीन चंद, प्रताप राम, हैड़ाखान मंदिर समिति के राघवेंद्र सम्मल। सभी लोग डूब क्षेत्र मेंं आने वाले पस्तोला, पनियाबोर, उडूवा, मुरकुडिय़ा, तिलवाड़ी, गनराड के रहने वाले हैं।
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Epidemiology of human immunodeficiency virus infection and acquired immunodeficiency syndrome.