नवरात्रि में कुट्टू के आटे के पकवान खाकर उत्तराखंड के तीन शहरों में 60 से ज्यादा लोगों की हालत बिगड़ गई। ऋषिकेश में 35, हरिद्वार में 20 और रुड़की में पांच लोगों की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की जानकारी मिलने पर खाद्य सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हरकत में आ गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने तुरंत शहर में कुट्टू के आटे के सैंपल भरने शुरू कर दिए हैं।
ऋषिकेश के रायवाला थाना क्षेत्र के हरिपुरकलां में कुट्टू का आटा खाने के बाद अचानक 35 लोगों को तेज सिरदर्द, उल्टी, मतली और दस्त की शिकायत होने लगी। जिसके बाद बीमारों को निजी और सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। आनन फानन प्रशासन और स्वास्थ्य की टीम ने अस्पतालों में पहुंचकर मरीजों के स्वास्थ्य का जायजा लिया।
सामने आया कि सभी लोग अलग-अलग दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदकर लाए थे। रात कुट्टू का आटा खाने के बाद लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो गया। इसके बाद बीमार लोग निजी और सरकारी अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। हरिपुर कलां स्थित भागीरथी अस्पताल, माधवेंद्र अस्पताल, पीएचसी रायवाला और जिला अस्पताल हरिद्वार में मरीजों को भर्ती कराया गया। सुबह लोगों के बीमार पड़ने की सूचना मिलते ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गई।
हरिद्वार में नवरात्रि के पहले दिन कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी और पकौड़ी खाकर 20 लोग बीमार हो गए। उल्टी-दस्त और चक्कर आने की शिकायत पर बृहस्पतिवार रात में ही कई लोगों को जिला अस्पताल जाना पड़ा। यहां प्राथमिक उपचार के बाद 19 लोगों को छुट्टी दे गई जबकि एक अभी अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों का कहना है कि आटा बासी होने के कारण फूड प्वॉइजनिंग से लोग बीमार हुए हैं।
हरिपुर कलां निवासी सत्यपाल के परिवार के पांच लोग बीमार हो गए। भूपतवाला निवासी बलवंत की बहन कविता, रानी और पायल की तबीयत बिगड़ गई। हालांकि, दोनों परिवारों के सात लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। बस रोहित ही अस्पताल में भर्ती हैं। अन्य 12 लोग अलग-अलग परिवारों के थे, जो हरिपुर कलां क्षेत्र के बताए जा रहे हैं।