रामनगर: उत्तराखंड में आफत की बारिश थम गई है। अब धीर-धीरे नुकसान की हकीकत सामने आ रही है। नैनीताल जिले के रामनगर ब्लॉक में जंगल और नदी के बीच बसे राजस्व गांव चुकुम में हालात बाढ़ से बदतर हो गए हैं। गांव की प्रधान समेत 20 से अधिक मकान बह गए हैं। खेत खलिहान की जमीन व धान की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। बाढ़ से ख़ौफ़ज़दा ग्रामीण जंगल में टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं।
रामनगर तहसील के अंतर्गत 15 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला राजस्व गांव चुकूम कोसी नदी के पार बसा है । पुल नहीं होने पर ग्रामीणों को नदी पार करके जाना मजबूरी है। दो दिन से हुई बारिश से कोसी नदी में आई बाढ़ चुकुम गांव के लिए मुसीबत बन गई। नदी की बाढ़ ने आधे गांव तक पहुंचकर ग्रामीणों के घर अपनी चपेट में ले लिए। गांव में करीब 20 ग्रामीणों के घर ढह और बह गए हैं। गांव की कई एकड़ खेती की जमीन व धान की फसल भी पानी में बह गई। खेत खलिहान रोखड़ बनते जा रहे हैं।
पानी बढ़ा तो ग्रामीणों ने जंगल में ली शरण
सोमवार को पानी बढ़ने पर ग्रामीण रात में ही सुरक्षित स्थानों पर चले गए। कई ग्रामीणों ने जंगल में टेंट लगाकर शरण ली हुई है। पालतू जानवर आवारा घूम रहे हैं। ऐसे में हिंसक जानवरों से भी ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है। गांव की प्रधान सीमा आर्य ने बताया कि नदी का जलस्तर कम होना शुरू हुआ है। लेकिन बाढ़ से गांव को काफी नुकसान हुआ है। आज तक विस्थापन की मांग पूरी नहीं हुई है।
नदी का जलस्तर कम होने पर ही मिलेगी राहत
कोसी नदी का जलस्तर कम होने के बाद ही ग्रामीणों तक राहत पहुंचाई जा सकेगी। क्योंकि गांव में जाने के लिए नदी में तैरकर जाना पड़ता है। जलस्तर बढ़ने के कारण अभी कोई गांव में जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है। हालांकि कुछ युवक रॉफ्ट ले जाकर पार जाने का प्रयास करने की बात कह रहे हैं। ताकि गांव के हालात का पता चल सके और लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके।
Outstanding feature
Insightful piece
Insightful piece
Insightful piece
Can I take claritin d pharmacy sent immediately to avoid delay in treatment
Which of the following female sterilization methods requires the longest wait period before achieving complete sterility, during which time an alternate contraception method must be used?