देहरादून। कांग्रेस उत्तराखंड के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक बूथ से 10 कार्यर्त्ताओं को प्रशिक्षण देगी। यह प्रशिक्षण 27 अक्टूबर से प्रारंभ होगा। पार्टी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने को पांचों लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक समन्वयक की नियुक्ति की है।
प्रदेश प्रशिक्षण कमेटी के अध्यक्ष व प्रदेश कांग्रेस महामंत्री विजय सारस्वत ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व केंद्रीय नेता बूथ कार्यकर्त्ताओं को भाजपा से हर स्तर पर मुकाबले को प्रशिक्षण देंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने इसके लिए पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को जिम्मा सौंपा है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण को सफल बनाने के लिए जोत सिंह बिष्ट को टिहरी संसदीय क्षेत्र, ललित फर्स्वाण को अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का समन्वयक नियुक्त किया गया है। मनीष खंडूड़ी को पौड़ी संसदीय क्षेत्र, हरीश कुमार सिंह को नैनीताल संसदीय क्षेत्र और काजी निजामुद्दीन को हरिद्वार संसदीय क्षेत्र का समन्वयक बनाया गया है।
विजय सारस्वत ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस प्रशिक्षण कमेटी के सदस्यों को जिलेवार समन्वयक नियुक्त किया गया है। विजय सारस्वत को हरिद्वार, राजपाल बिष्ट को रुद्रप्रयाग और चमोली, महेश प्रताप राणा को देहरादून का जिम्मा दिया गया है। रवि बहादुर को पौड़ी, इंदुमान को अल्मोडा और नैनीताल, खष्टि बिष्ट को बागेश्वर और पिथौरागढ़, बिट्टू कर्नाटक को चम्पावत, ओपी चौहान को ऊधमसिंहनगर की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व विधायक राजकुमार को उत्तरकाशी, रमेश इंदवान को टिहरी, राजेश शिवपुरी को कोटद्वार के लएि समन्वयक बनाया गया है।
शिक्षक रश्मि त्यागी को सहसचिव की जिम्मेदारी
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने डीएवी कालेज की शिक्षक डा. रश्मि त्यागी रावत को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सहसचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। बीते सप्ताह दिल्ली विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय कालेज, द्वारिका में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड के अध्यक्ष डा. विजय पांडे, प्रांतीय महामंत्री डा. अनिल नौटियाल, महिला प्रमुख डा. अलका सूरी व प्रांतीय अध्यक्ष (महिला संवर्ग) डा. रश्मि त्यागी रावत ने प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए रणनीतियों पर प्रतिभागियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए। साथ ही आगामी योजनाओं का खाका भी तैयार किया गया। इसके अलावा आजादी के अमृत महोत्सव को शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करने पर भी मंथन किया गया।