देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के विधान परिषद के औचित्य पर सवाल उठाने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विधान परिषद के माध्यम से कांग्रेस की मूल नीति के अनुसार सत्ता में सभी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि महाराज को ज्ञान की प्राप्ति देर से हुई है।
गणेश गोदियाल ने कहा कि 2002 के कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र की पृष्ठ संख्या-दो और पृष्ठ संख्या-17 के पैरा संख्या-छह में विधान परिषद का स्पष्ट उल्लेख है। पार्टी ने कहा था कि राज्य में जिन समुदायों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया, उनकी आवाज विधानमंडल में उठाने को विधान परिषद का गठन किया जाएगा। विधान परिषद में राज्य के कला व साहित्य के क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों, बुद्धिजीवियों, पिछड़े, दलितों को नामित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2002 में स्वयं महाराज और उनकी पत्नी अमृता रावत कांग्रेस पार्टी के अंग थे।
उन्होंने कहा कि लगता है महाराज को ज्ञान की प्राप्ति देर से हुई, इसीलिए उन्हें कांग्रेस का चुनाव घोषणापत्र याद आया। बेहतर होता कि वह भाजपा के घोषणापत्र को भी पढ़ते। इसमें सरकार बनते ही लोकायुक्त देने का वायदा जनता से किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य में अब परिवर्तन की बयार आंधी बन गई है। भाजपा नेताओं को इसका आभास हो गया है। अब जनता जुमलेबाजी में नहीं आने वाली है।