उत्तराखंड में अकेले जीवन काट रहीं करीब चार लाख महिलाओं को चुनावी साल में बड़ी सौगात मिल सकती है। सरकार ऐसी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए योजना लागत पर 90 फीसदी सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा 33 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी बीमे के दायरे में लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गढ़वाल और कुमाऊं में अगले कुछ दिनों में होने वाले कार्यक्रमों में इसकी घोषणा कर सकते हैं।
चुनावी साल में प्रदेश सरकार का खासकर महिलाओं पर फोकस है। हाल ही में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना शुरू करने के बाद 33 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की गई है। सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 1800 रुपये एवं सहायिकाओं और मिनी कार्यकर्ताओं का 1500 रुपये मानदेय बढ़ाया था।
अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जहां बीमे के दायरे में लाने की तैयारी है, वहीं प्रदेश में अकेले जीवन काट रहीं महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता और अविवाहित आदि) को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में छह दिसंबर को देहरादून में होने वाले कार्यक्रम या कुमाऊं मंडल में होने वाले कार्यक्रम में सीएम इसका एलान कर सकते हैं।
प्रदेश में करीब चार लाख एकल महिलाएं हैं, हालांकि इसमें कई महिलाएं आत्मनिर्भर हैं, लेकिन वे महिलाएं जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये या कम है, उन महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार योजना लागत पर 90 फीसदी सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बीमा के दायरे में लाने का प्रस्ताव है।
– रेखा आर्य, मंत्री, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास
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