हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संत समाज धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं। समाज को आगे बढ़ाने के लिए साधु संत अपना योगदान दे रहे हैं। संतों का आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया हूं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज की अगुआई में रविवार को हरिद्वार के श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा में देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नागरिक अभिनंदन और स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डाक्टर सुनील बत्रा, प्रो संजय महेश्वरीव अध्यक्षता अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी ने की। शंकराचार्य राजराजेश्वरश्रम महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। वह संतों व धर्म की रक्षा के लिए भी काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड भंग कर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि प्रदेश इस समय युवा मुख्यमंत्री के हाथों में है। जिसके चलते प्रदेश में लगातार नई-नई योजनाएं बन रही है, वहीं प्रदेश तरक्की की ओर अग्रसर है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बहुत ही उचित कदम उठाया है। इसके लिए संत समाज व तीर्थ पुरोहित उनके आभारी हैं। मुख्यमंत्री के साथ तीर्थ पुरोहित व संत समाज हर समय साथ खड़ा रहेगा।
स्वागत समारोह में पहुंचे मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संतों का आशीर्वाद मेरे लिए एक प्रेरणा है। उनके आशीर्वाद से ऊर्जा भी मिलती है। निश्चित तौर पर हम अपने कर्म क्षेत्र में और तेजी से आगे बढ़ेंगे। सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने देवस्थानम बोर्ड भंग भंग करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जितने भी मठ मंदिर है, उन सभी का संवर्धन हो, संरक्षण हो, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने जूना अखाड़ा द्वारा स्थापित किए जाने वाले डमरू त्रिशूल को लगाने की भी घोषणा कर दी। यह त्रिशूल डमरू बिरला पुल घाट के समीप स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का जो निशान है, उसके लिए हम लगातार काम करेंगे। हमारा राज्य श्रेष्ठ राज्यों की श्रृंखला में आएगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत हरि गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके लिए अखाड़ा परिषद उनको साधुवाद व आशीर्वाद देती है। त्रिशूल-डमरू स्थापित करने की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। इस दौरान संतों ने मुख्यमंत्री को माला पहनाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही शाल स्मृति चिह्न व गंगाजलि भेंट की। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सभी साधु संतों को शाल व माला पहनाकर सम्मानित कर आशीर्वाद लिया। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने कहा कि प्रदेश इस समय युवा मुख्यमंत्री के हाथों में है। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य बालकानंद गिरि ने कहा कि तीर्थ पुरोहित व साधु संतो के हितों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ध्यान रख रहे हैं।
इस दौरान शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम, निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी, महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, महंत भगतराम श्री महंत प्रेम गिरि, श्री महंत सत्य गिरि, श्री महंत नारायण गिरि, महंत कश्मीरा सिंह, श्री महंत देवानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि, महंत सुखदेव पुरी, महंत रविपुरी, गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी दिगंबर राजगीरी, अनिल शर्मा,
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, पूर्व सांसद बलराम पासी, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, रामानंद इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष डाक्टर जयपाल सिंह चौहान, डाक्टर विशाल गर्ग, एसएसपी, डाक्टर योगेंद्र सिंह रावत, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसडीएम सदर पूरण सिंह राणा, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।