हल्द्वानी: वाहनस्वामियों और क्रशर संचालकों के विवाद के बीच बुधवार से गौला का सर्वे शुरू हो जाएगा। केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम हल्द्वानी पहुंच चुकी है। दो दिन तक गौला के हर गेट पर एक्सपर्ट उपखनिज का आंकलन करेंगे। उसके बाद रिपोर्ट तैयार होगी। रिपोर्ट मिलने पर साफ हो जाएगा कि इस खनन सत्र में नदी से कितना उपखनिज निकलेगा।
हालांकि, भारी बारिश के चलते इस बार गौला के अधिकांश गड्डे भर चुके हैं। ऐसे में टारगेट बढऩा तय है। ऐसे में वाहनस्वामी, क्रशर संचालक से लेकर सरकार को भी ज्यादा फायदा होगा। गौला में साढ़े सात हजार वाहन 11 निकासी गेटों से उपखनिज का ढुलान करते हैं। इसके अलावा सात सौ घोड़ा बुग्गियां भी नदी में चलती है। 12 नवंबर को खनन सत्र शुरू होने के बाद से रेट को लेकर मामला बिगड़ गया था।
पिछले सात दिन से वाहनस्वामी हड़ताल पर हैं। मंगलवार को भी नदी में सिर्फ 1300 वाहन ही निकासी के लिए पहुंचे थे। इनमें अधिकांश रेता ढुलान वाली गाडिय़ां थी। जिन्हें लोकल डिमांड पर बेचा गया या फिर स्टाक किया गया। वहीं, डीएलएम वाइके श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल दो बार नदी का सर्वे कराया जाता है। केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम एक बार बारिश के दौरान नदी का जायजा लेती है। इसके बाद खनन सत्र शुरू होने पर विशेषज्ञ यहां पहुंचते हैं। खनन सत्र के दौरान किया जाने वाले सर्वे अहम होता है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही वन निगम नदी से लक्ष्य फिक्स करता है। रिपोर्ट मिलते ही साफ हो जाएगा कि नदी से कितना उपखनिज निकलना है।