चुनावी हवा का रुख बताएगी राहुल गांधी की रैली, कांग्रेस की ही नहीं प्रतिद्वंद्वी दलों की भी लगी हैं निगाहें

उत्तराखंड देहरादून राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब देहरादून के परेड मैदान में गरजने की बारी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की है। विधानसभा चुनाव से पहले राहुल की इस रैली पर कांग्रेस ही नहीं उसके सभी प्रतिद्वंद्वी दलों की भी निगाहें लगी हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल की रैली से चुनावी हवा का रुख तय होगा कि वह इस बार किस ओर बह रही है। 

पीएम मोदी की रैली में जुटी भीड़ को पार्टी ने बनाया लक्ष्य
राहुल की इस रैली को प्रदेश कांग्रेस भव्य बनाने की तैयारी में है। पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और उनकी टीम ने अपने-अपने मोर्चों पर रैली में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए पिछले कुछ दिनों से खूब ताकत लगाई है। कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि पीएम मोदी की रैली में जुटी भीड़ को पार्टी ने लक्ष्य बनाया है।

भीड़ के मोर्चे पर कांग्रेस की भाजपा से लंबी लाइन खींचने की कोशिश है। दावा किया जा रहा है कि रैली प्रदेशभर से 50 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे। गुरुवार को परेड मैदान का माहौल बताएगा कि कांग्रेस की लाइन कितनी बड़ी और लंबी खिंची। सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के सामने पीएम मोदी की रैली का टारगेट है। कांग्रेस इस टारगेट को अवसर में बदल सकती है।

2017 के चुनाव में दून में नहीं की थी राहुल ने रैली
जहां तक राहुल गांधी का सवाल है तो 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी देहरादून शहर में कोई जनसभा नहीं हुई थी। राहुल ऋषिकेश आए थे, जहां उन्होंने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव का विधिवत एलान होने से पहले राहुल देहरादून से अपनी रैली का आगाज करने जा रहे हैं। तय है कि चुनावी एलान के बाद उनकी प्रदेश में और भी जनसभाएं होंगी। 

राहुल के भाषण और कांग्रेस की गुटबाजी पर निगाह
विरोधी दल राहुल गांधी के भाषण को भी गौर से सुनेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। कांग्रेस की गुटबाजी पर भी उनकी निगाहें होंगी। पार्टी में क्षत्रपों के बीच गाहे-बगाहे उठने वाले विवाद की छाया भी इस रैली में दिखाई दे सकती है। जिसका विरोधी दल लाभ उठाने की भरपूर कोशिश करेंगे। 

टिकट के दावेदारों के दमखम की परीक्षा
राहुल की रैली मेें टिकट के दावेदारों के दमखम की भी परीक्षा होगी। पार्टी की ओर से सभी नेताओं को भीड़ जुटाने का टारगेट दिए गए हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और केंद्रीय नेताओं की टीम अपने स्तर पर नेताओं की सक्रियता का आकलन करेगी। 

केंद्रीय टीम ने डेरा डाला
रैली को सफल बनाने के लिए पीसीसी के अलावा एआईसीसी की टीम ने भी दो दिन पहले से देहरादून में डेरा डाल लिया है। इस दौरान राजधानी के कई होटलों में केंद्रीय नेताओं का डेरा जमा है। पीसीसी के अलावा राजपुर रोड पर स्थित एक होटल को वॉर रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी प्रदेश प्रभारी के आलावा कई केंद्रीय नेता इसी होटल में ठहरे हैं।

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