नैनीताल : हाईकोर्ट ने राज्य में ओमिक्रोन व कोरोना के मामले बढ़ने से विधान सभा के चुनाव व रैलियों को स्थगित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण मामले में सुनवाई नहीं हो सकी।
याचिकाकर्ता की ओर से मामले को न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिए प्रार्थना की गई। खंडपीठ में कहा कि इस मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुन रहे है और रेगुलर बेंच ही इस मामले में सुनवाई करेगी। पिछली तिथि को कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश की कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जबाव पेश करने को कहा था।
अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाई कोर्ट में पहले से विचाराधीन सच्चिदानंद डबराल व अन्य कक जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत राजनीतिक दलों की ओर से कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर प्रार्थना पत्र पेश किया। जिसमें कहा है कि रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है। रैलियो में कोविड के नियमों का पालन नही किया जा रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300% से अधिक तेजी से फैल रहा है, इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं को स्थगित किया जाय।
याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है । उन्होंने यह भी कहा है कि विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं इस सम्बंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं।
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