नानकमत्‍ता हत्‍याकांड : अंकित और उदित को राड से घायल कर हत्‍यारों ने आंख में डाल दिया था लाल मिर्च, फिर झाडि़यों में रेता था गला

अपराध उत्तराखंड उधम सिंह नगर

रुद्रपुर : दोस्ती को कलंकित करने वाले हत्यारोपित रानू रस्तोगी ने अमीर बनने के लिए सचिन सक्सेना को साथ लिया। उसने ही ज्वेलर अंकित रस्तोगी की दुकान के लाकर में रखे 12 लाख रुपये लूटने की योजना बनाई। फरार हत्यारोपित सचिन सक्सेना के बर्थडे के बहाने अंकित व उसके ममेरे भाई उदित को कातिल कार में साथ पार्टी करने के लिए ग्राम सिद्दा स्थित देवहा नदी के पास ले गए। वहां दोनों की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद घर पहुंचकर अंकित की मां व नानी की हत्या कर दी। मगर लाकर की चाबी न मिलने पर 12 लाख रुपये नहीं ले जा सके।

गुरुद्वारा रोड निवासी रानू रस्तोगी की नानकमत्ता में ही पहले साइकिल स्टोर की दुकान थी। दुकान नहीं चली तो उसने फ्रिज, एसी रिपेयरिंग का काम शुरू किया। वह आइपीएल सट्टा भी खेलता था। सट्टे में उसने दुकान के साथ घर का पैसा भी बर्बाद कर दिया। इससे परिवार भी परेशान था। रानू पर काफी कर्ज भी हो गया। रानू अंकित का भी दोस्त था, इसलिए उसके घर पर आना-जाना लगा था। रानू को एक स्कूल के शिक्षक से जानकारी मिली कि अंकित की आशीर्वाद ज्वेलर्स दुकान के लाकर में 12 लाख रुपये पड़े हैं। दुकान घर के ही अगले हिस्से में है। इस पर रानू ने लालच में आकर सचिन को साथ लेकर लूट की योजना बनाई।

अपराधी सचिन पर लखनऊ में हत्या, लूट, आम्र्स एक्ट व गैंगस्टर में केस दर्ज है। इसके बाद रानू ने रुद्रपुर की सुभाष कालोनी निवासी अपनी मौसी के बेटे विवेक वर्मा और विवेक के दोस्त मुकेश शर्मा उर्फ राहुल रस्तोगी को योजना में शामिल किया। रानू ने 28 दिसंबर की शाम विवेक व मुकेश को लोहे की राड देकर देवहा नदी के किनारे खड़ा कर दिया था। खुद सचिन के साथ अंकित के घर पहुंच गया। बोला कि आज सचिन का जन्मदिन है, पार्टी करने चलते हैं। उदित को भी बिठाकर अंकित कार ड्राइव करने लगा। कार देवहा नदी के किनारे पहुंची तो रानू ने शौच करने की बात कहकर कार रोकने को कहा।

जैसे ही अंकित व उदित कार से उतरे पहले से ही तैयार विवेक व मुकेश ने दोनों के सिर पर वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसके बाद दोनों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डालकर नदी के किनारे झाडिय़ों में ले गए और गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद अंकित के घर आकर मां आशा देवी व नानी सन्नो देवी की चाबी हासिल करने की खातिर हत्या कर दी। मगर चाबी अंकित की जेब में पड़ी थी। इसलिए लाकर नहीं तोड़ पाए।

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