देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा को लेकर दिए गए उनके सामान्य बयान का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की अनदेखी उनका आशय नहीं था। उनके बयान में कहीं ऐसी मंशा दिखती है तो वह पूरे देश से क्षमा मांगने को तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कारवां यदि आधा घंटा विलंब से प्रारंभ होता तो कोई बादल या बम नहीं फट पड़ता। उनके इस बयान के बाद राजनीति गर्मा गई है। सत्तारूढ़ दल भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया है। बयान के तूल पकड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वीडियो जारी कर बयान दिया है। इसमें उन्होंने कहा कि उनके सामान्य से बयान को गलत तरह से प्रस्तुत किया जा रहा है। कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए उनके बयान को तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा केंद्रीय एजेंसियों आइबी, एसपीजी और राज्य पुलिस सभी का सम्मिलित दायित्व है। प्रधानमंत्री ने जब सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया तो उस मार्ग को सैनिटाइज किया जाना चाहिए था। किसानों के आंदोलन और उनकी चेतावनी के संबंध में इसे देखा जाना चाहिए था कि कोई बाधा उत्पन्न न हो। ऐसा नहीं हुआ। यह सामूहिक चूक है। इसमें जिम्मेदार केंद्रीय एजेंसी भी हैं। बीएसएफ भी जिम्मेदार है, जिसके पास उस क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा है।