स्‍कूल से रिटायर हो गईं पार्वती फिर भी पढ़ाना जारी, कोविड से प्रभावित कई बच्‍चों का संवार रहीं भविष्‍य

उत्तराखंड नैनीताल

हल्द्वानी : राष्ट्र का निर्माण नागरिकों से होता है। एक-एक नागरिक के योगदान से राष्ट्र सशक्त होता है। पार्वती किरौला इसे बखूबी जानती हैं। इसीलिए अस्वस्थता के बावजूद 69 वर्ष की उम्र में भी देश का भविष्य संवारने में जुटी हैं। इंटर कालेज से प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त किरौला का जज्‍बा मजबूत राष्ट्र के साथ स्वावलंबन की उम्मीद जगा रहा है।

कोरोना की पहली व दूसरी लहर में स्कूल बंद रहे। अधिकांश सरकारी स्कूलों में आनलाइन पढाई की व्यवस्था नहीं थी। शिक्षा के अधिकार के तहत शहर के अलग-अलग प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश पाने वाले कई बच्चे लाकडाउन में पढ़ाई जारी नहीं रख सके। आपदा की स्थिति में कई स्कूलों ने फीस माफ की तो कुछ ने सालभर की फीस एकमुश्त मांग ली। फीस नहीं दे सके अभिभावकों के बच्चों का स्कूल छूट गया। ऐसे नौ बच्चों को पार्वती किरौला अपने घर पर पढ़ा रही हैं। मार्च में उन्हें फिर से स्कूलों में दाखिल कराने की उम्मीद से वह जुटी हैं।

पेंशन से तीन शिक्षक रखे

हल्द्वानी के नवाबी रोड निवासी पार्वती किरौला 2014 में खालसा बालिका इंटर कालेज हल्द्वानी से राजनीतिक विज्ञान प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त हुईं। विद्यालय में उनकी पहली नियुक्ति 1980 में बतौर एलटी शिक्षक के तौर पर हुई। सेवानिवृत्ति के बावजूद पार्वती ने शिक्षा की अलख जगाने का काम जारी रखा। आसपास के जरूरतमंदों बच्चों को कापी-किताबें, जूते-चप्पल उपलब्ध करातीं। घर पर ही उन्हें पढ़ाना शुरू किया। अभी कक्षा एक से 12वीं के 42 बच्चे पढऩे आते हैं। बच्चे अधिक होने से खुद के खर्च से तीन छात्राओं को पढ़ाने के लिए रखा है। इस काम में पेंशन का काफी हिस्सा खर्च हो जाता है।

हौसले से कैंसर को हराया

पार्वती ब्रेस्ट कैंसर की पीडि़त रहीं। 10 साल पहले आपरेशन के बाद वह स्वस्थ हो गई रीं। जनवरी 2020 में कोरोना की पहली लहर से पहले फिर से बीमार हो गईं। जांच में पता चला कि उन्हें फिर से पकडऩे लगी है। लाकडाउन में आपरेशन नहीं करा पाईं। सितंबर 2020 में दिल्ली में दोबारा आपरेशन कराया और फिर नेकी की राह पर बढ़ गईं।

कोरोनाकाल में सामग्री बांटी

कोरोना की पहली लहर में जब हर तरफ मुश्किलें नजर आ रही थी। किसी के करीब जाने में भी संक्रमण का डर बना था। ऐसे कठिन वक्त में पार्वती आसपास के जरूरतमंदों तक राशन, तेल, नमक जैसी जरूरी सामग्री पहुंचाने में जुटी थीं। मास्क, सैनिटाइजर के साथ कोविड से बचाव की चेतना फैलाने में जुटी रहीं। इस काम के लिए 2021 में प्रदेश सरकार ने पार्वती को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *