देहरादून: राजपुर रोड सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमट गया है। दोनों दलों के कद्दावर नेता जातिगत समीकरण साधने के साथ ही अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार को कोई कसर नहीं छोड़ रहे। आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी प्रत्याशी डिंपल सिंह कुछ जगह बेहतर स्थिति में दिख रही हैं। वह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की का भरसक प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक चुनावी जंग भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य रूप से दिख रही है।
इस सीट पर कुल आठ प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रचार का शोर भी बढ़ता जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी खजान दास के पक्ष में पाश क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की योजनाओं को सामने रख चुके हैं तो मुस्लिम बहुल क्षेत्र में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने घर-घर जाकर खजान दास के पक्ष में वोट की अपील की। दूसरी तरफ, कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार के पक्ष में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने मैदान में उतर विस क्षेत्र के युवा व महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश की। पर्वतीय मतदाताओं को रिझाने के लिए कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को मैदान में उतारा।
इस सीट का मिजाज जिले की अन्य सीटों से अलग रहा है। यहां 17 मलिन बस्तियों के करीब 26 हजार मतदाता हर बार निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस, दोनों ने इस वोट बैंक को साधने के लिए ताकत झोंक दी है। पूर्व के चुनावों की तस्वीर पर नजर डालें तो मलिन बस्तियों के वोटर कांग्रेस के पक्ष में खड़े दिखते थे, लेकिन 2012 और 2017 के चुनाव में भाजपा इस वोट बैंक में सेंधमारी में कामयाब रही। इसके अतिरिक्त करीब 24 हजार पहाड़ी मतदाताओं के बीच भाजपा प्रत्याशी खजान दास की अच्छी पकड़ रही है, क्योंकि वह 2002 और 2007 का चुनाव धनोल्टी सीट से लड़ चुके हैं।
कांग्रेस भी इन वोटर को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। एंटी इनकंबेंसी के चलते कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार इस बार पहाड़ी मतदाताओं के बीच अधिक समय गुजार रहे हैं। इससे यहां भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है। 2017 के चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार 8632 वोट से हार गए थे। तब भाजपा प्रत्याशी खजान दास को 36,601 मत पड़े, जबकि राजकुमार को 27,969 मत से संतोष करना पड़ा था।