हाईकोर्ट ने भारत सरकार के सचिव, पीसीसीएफ व अन्य को जारी किया नोटिस

उत्तराखंड नैनीताल

नैनीताल : हाई कोर्ट ने वत्सल फाउंडेशन की रामनगर के आमडंडा खत्ता के निवासियों को बिजली, पेयजल और विद्यालय जैसी मूलभूत सुविधाएं दिलाए जाने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने भारत सरकार के वन सचिव, सदस्य सचिव नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड, प्रमुख वन्य जीव संरक्षक उत्तराखंड, निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल रामनगर, अधिशासी अभियंता जल संस्थान रामनगर, जिलाधिकारी नैनीताल, मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में कोर्ट में वन ग्राम वासियों को मूलभूत सुविधाएं दिलाए जाने के संबंध में अब तक हुई प्रगति प्रतिशपथ पत्र के रूप में दायर करने का आदेश दिया है।

फाउंडेशन की सचिव श्वेता मासीवाल की जनहित याचिका में कहा है कि रामनगर के आमडंडा क्षेत्र में विद्युतीकरण को लेकर धनराशि 2015 में आवंटित हो गयी थी। संयुक्त निरीक्षण के अनुसार आमडंडा में विद्युतीकरण के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा जाना है जबकि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार सिर्फ प्रति हेक्टेयर 75 से अधिक पेड़ काटे जाने पर ही वन ग्राम में विद्युतीकरण हेतु केंद्र सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में अधिकारियों की हीला हवाली के कारण 2014 से आज तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है।

इसी तरह आमडंडा में पेयजल को लेकर भी वर्ष 2012 से आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि आमडंडा खत्ता के ग्रामीण बिजली पानी और शिक्षा के अभाव में कष्ट में जीवन जी रहे हैं। अधिकारियों द्वारा लगातार उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसके मिश्रा जस्टिस एनएस धानिक की खंडपीठ ने छह सप्ताह में पक्षकारों से जवाब मांगने के बाद मामले की अगली सुनवाई नियत की है।

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