हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेजों में अब 12 महीने के कोर्स को 11 महीने में ही पूरा करना होगा। एक महीने की छुट्टी में भी कटौती कर दी गई है। अब विद्यार्थियों को एक सप्ताह के अवकाश से ही संतुष्ट होना होगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने कोरोना से विलंबित हुए सत्र को पटरी पर लाने को मेडिकल कालेजों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के चलते एमबीबीएस व एमडी-एमएस के प्रवेश में विलंब हो गया है। अभी तक पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए थी, मगर इस समय प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए एनएमसी ने मेडिकल कालेजों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक प्रो. आशुतोष सयाना ने बताया कि सभी मेडिकल कालेजों को एनएमसी के नए निर्देशों का पालन करना होगा।
उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से सत्र 12 महीने का होता है। इसे 11 महीने का कर दिया गया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए अब अवकाश में भी कटौती की गई है। पहले गर्मी व सर्दी में 15-15 दिन की छुट्टियां मिल जाती थी। अब इसे घटाकर एक सप्ताह कर दिया है।
प्रो. सयाना ने बताया कि विद्यार्थियों को एक माह का फाउंडेशन कोर्स भी अनिवार्य रूप से करना होता था, लेकिन अब इस कोर्स को एक सप्ताह में पूरा करना होगा। अगर इतने समय में कोर्स पूरा नहीं होता है तो इसके लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर पूरा करवाना होगा। प्रदेश में राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा, दून व श्रीनगर में हैं। इसके अलावा दो निजी मेडिकल कालेज देहरादून में है।
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