रेडियो, कंप्यूटर चलाने का प्रशिक्षण लेने के साथ मशरूम उत्पादन का भी हुनर जानेंगे कैदी

अल्मोड़ा उत्तराखंड

अल्मोड़ा : अपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के बाद जेल में सजा काट रहे कैदी और बंदियों में तनाव बढ़ना आम बात हो गई है। कैदियों को तनाव से दूर रखने के लिए कारागार प्रशासन तरह-तरह के नुस्खे आजमा रहा है। अब जेल प्रशासन की ओर से कैदियों को मशरूम उत्पादन में दक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में कैदियों को मशरूम उत्पादक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जेल से छूटने के बाद कैदी मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षण से उन्नत काश्तकारी से आजीविका चला सकते हैं। वहीं जेल में भी उत्पादन की योजना बनाई जाएगी।

पिछले साल कैदियों के पास मोबाइल, मादक पदार्थ और अन्य बैन सामग्री बरामद होने के बाद से जिला कारागार अल्मोड़ा सुर्खियों में रहा है। कैदियों और बंदियों के पास चरस जैसे मादक पदार्थ बरामद होने के बाद से जेल प्रशासन की भी मुश्किलें बढ़ गई थी। जिसके बाद अब जेल प्रशासन की ओर से कैदियों को तनावमुक्त रखने के लिए कई कार्य किए जा रहे है। बीते दिनों जेल में जेल रेडियो, कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यशाला आदि शुरू की गई, जिससे रिहा होने पर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

कैदियों और बंदियों के लिए मशरूम उत्पादक का प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। जेल में एक कक्ष में सबसे पहले तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की जाएगी। इसके लिए पहले चरण में सिर्फ अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले के कैदियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। दोनों जिलों के 33 कैदियों का पंजीकरण किया जा चुका है। कैदी प्रशिक्षण प्राप्त कर जेल से रिहाई के बाद मशरूम उत्पादन से आजीविका चला सकेंगे। वहीं जेल में भी कक्षों की समस्या दूर होने पर मशरूम उत्पादन के लिए कवायद की जाएगी।

तिलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित प्रीति देंगी प्रशिक्षण

हिमगिरी नेचुरल प्रोडक्टस को आपरेटिव सोसाइटी की प्रीति भंडारी कैदियों और बंदियों को प्रशिक्षित करेंगी। सोसाइटी ने जेल प्रशासन को प्रस्ताव भेज इसके लिए अनुमति मांगी थी। मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली प्रशिक्षक प्रीति भंडारी तिलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित हैं। वह अपने साथ अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित कर रही हैं।

अल्मोड़ा और बागेश्वर के बंदियों को प्राथमिकता

मशूरम उत्पादन प्रशिक्षण के लिए कैदियों और बंदियों में भी काफी क्रेज है। प्रस्ताव पहुंचते ही भारी संख्या में कैदियों और बंदियों ने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। पहले 55 से अधिक कैदी आवेदन कर चुके थे। जेल में उत्पादन के लिए भवन काफी छोटा है, जिसके चलते बाद में सिर्फ अल्मोड़ा और बगेश्वर के पूर्व में काश्तकारी से जुड़े कैदियों को ही इसके लिए चुना गया।

पहले चरण में 33 कैदी चयनित

अल्मोड़ा की जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने बताया कि कैदियों अौर बंदियों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 33 कैदियों को चयनित किया है। प्रशिक्षण प्राप्त कर कैदियों रिहा होने के बाद अपने क्षेत्र में इससे आजीविका चला सकेंगे। भविष्य में संसाधन और पूरी व्यवस्था हुई तो जेल में भी उत्पादन किया जाएगा।

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