कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के इस्तीफे के बाद अभी तक किसी भी कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। राज्य में पांच कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए थे। पार्टी को एकजुट बनाए रखने और चुनाव में इसका लाभ लिए जाने को लेकर ये कदम उठाया गया था।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की करारी हार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा देने को कहा था। इसके बाद मंगलवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दिया था। इसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि जल्द सभी कार्यकारी अध्यक्ष भी अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ।
कांग्रेस में शूरवीर सिंह सजवाण, तिलकराज बेहड़, भुवन कापड़ी, जीतराम, रणजीत रावत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस प्रदेश संगठन महामंत्री मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सभी कार्यकारी अध्यक्षों को भी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं कार्यकारी अध्यक्ष शूरवीर सिंह सजवाण ने इस्तीफा मांगे जाने को लेकर सवाल उठाए हैं।
सफल नहीं रहा पांच कार्यकारी अध्यक्ष का प्रयोग
कांग्रेस में ऐन चुनाव से पहले बनाए गए पांच कार्यकारी कार्यकारी अध्यक्ष का प्रयोग सफल नहीं रहा। पांच में चार कार्यकारी अध्यक्ष को विधानसभा का टिकट भी मिला। ये कार्यकारी अध्यक्ष चुनाव प्रचार के लिए अपनी विधानसभा सीटों से भी बाहर नहीं निकल पाए। कोई भी अपनी सीट को छोड़ कर पड़ोस की सीट पर भी प्रचार को नहीं पहुंचा।
मैं क्यों इस्तीफा दूं। चुनाव में न मेरे पास खर्च करने के लिए बजट था और न ही अन्य संसाधन। मैंने अपने संसाधनों से चुनाव में प्रचार किया। मैं जहां प्रचार को गया, वहां कांग्रेस बेहतर रही।
शूरवीर सिंह सजवाण, कार्यकारी अध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष ने जब इस्तीफा दे दिया है, तो अब बाकि लोगों को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। अध्यक्ष के इस्तीफे के साथ ही पूरी कार्यकारिणी का भी इस्तीफा हो जाता है।
रणजीत सिंह रावत, कार्यकारी अध्यक्ष
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