देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान उठा मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा अब थाने पहुंच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कुछ ताकतें मुझे मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं। और उनकी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसंग को अपनी ओर से यहीं समाप्त करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें उन्हें केवल मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं। अपने फेसबुक पेज पर हरीश ने लिखा है कि कांग्रेस ने इस बार चुनाव जीतने के लिए व्यूह रचना की थी, लेकिन कुछ ताकतों ने इसे मुस्लिम अस्त्र चलाकर फेल कर दिया।
उन ताकतों को पता चल गया था कि बिना कोई मुस्लिम अस्त्र खोजे बिना उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अस्त्र उन्हीं का गढ़ा हुआ है। उन्होंने इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवा दी है। लिखा कि नकली अखबार और झूठा समाचार छापकर भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अस्त्र का उपयोग हमारी व्यू रचना को ध्वस्त करने में किया है।
वह हरीश रावत की राजनीति को भी ध्वस्त करना चाहते हैं। वो ही ताकतें उनकी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं। हरीश ने कहा कि उनकी बेटी अनुपमा ने भी एक एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने शिकायत की है कि एक झूठा बयान गढ़कर कहा जा रहा है कि मैं केवल मुसलमानों के वोट से जीती हूं, जबकि वह सर्व समाज के आशीर्वाद से जीती हैं। हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उन्हें अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है।