देहरादून। पुष्कर सिंह धामी को भाजपा विधायक दल ने भले ही अपना नेता चुन लिया और वे उत्तराखंड के 12 वें मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना होगा। उनके विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बड़ा सवाल यह है कि वे अब किस सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। प्रदेश में पिछली सरकार में आखिरी समय में भाजपा ने धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि छह महीने के कार्यकाल में अपने काम से उन्होंने धाकड़ धामी की पहचान बना ली थी।
उन्होंने अपने कम समय के कार्यकाल में देवस्थानम विधेयक वापस लिए जाने सहित कई अहम फैसले लिए। जो अब 23 मार्च को दूसरी बार सीएम के तौर पर शपथ लेंगे, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत उन्हें छह महीने के भीतर सदन की सदस्यता लेनी होगी। सूत्रों के मुताबिक धामी डीडीहाट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इस सीट पर भाजपा के बिशन सिंह चुफाल ने जीत हासिल की है।
हालांकि पांच अन्य विधायक भी उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं। जो पांच विधायक उनके लिए अब तक अपनी सीट छोड़ने का एलान कर चुके हैं। उनमें चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर के मोहन सिंह मेहरा, लालकुआं के डा.मोहन सिंह बिष्ट, रुड़की के प्रदीप बत्रा और खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार का नाम शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य विधानसभा सीटों से भी उनके चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा है।
विधायकों ने धामी के लिए शुरू कर दी थी लॉबिंग
पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे, लेकिन उनके विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी जीते भाजपा विधायकों ने धामी को सीएम बनाए जाने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी थी। अपनी सीटें छोड़ने के साथ ही भाजपा विधायकों ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने भी धामी को दोबारा उत्तराखंड की कमान सौंपने की बात कही थी।
Outstanding feature
Excellent write-up