एफआरआइ में भर्तियों में धांधली का आरोप, उत्‍तराखंड क्रांति दल ने विजिलेंस जांच की उठाई मांग

उत्तराखंड देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने भारतीय वानिकी अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) में हो रही भर्तियों को लेकर व्यापक सवाल खड़े किए हैं। दल ने धांधली का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की है। दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि एफआरआइ में बड़े पैमाने पर पेपर लीक कराए जा रहे हैं। इसी कारण संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों के स्वजन ही बड़ी संख्या में नियुक्ति पा रहे हैं। चयन समिति में शामिल अधिकारी के मातहतों के स्वजन भी इसमें शामिल हैं।

उन्होंने एफआरआइ में हरियाणा मूल के अभ्यर्थियों की बड़े स्तर पर तैनाती के पीछे पेपर साल्वर गैंग की विभागीय कर्मचारियों से मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ मुन्नाभाई भी पकड़ में आए थे, जिन्हें थाने भी ले जाया गया, लेकिन बाद में उनको विभागीय अधिकारी-कर्मचारी बिना मुकदमा दर्ज कराए ले गए। कहा गया कि इन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं चार-पांच संदिग्ध चकमा देकर भागने में सफल रहे, लेकिन ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। न ही भागने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज की गई।

सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जाए तो सारा मामला सामने आ जाएगा। इससे पहले भी संस्थान में कार्यरत टाइपिस्ट के भाई का मेरिट में दूसरा स्थान आने पर सवाल खड़े हुए थे, पर संस्थान ने कोई जांच नहीं की। कहा कि इस तरह के मामलों का शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए। एफआरआइ को तुरंत संज्ञान लेकर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा इस घोटाले की जांच करनी चाहिए। अन्यथा केंद्रीय सतर्कता आयोग सहित उच्चाधिकारियों को सभी उपलब्ध दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

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